नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। गंगा, यमुना और गोमती की धारा को प्रदूषण के बोझ से छुटकारा दिलाने की कोशिशों में उत्तर प्रदेश की सुस्ती केंद्र सरकार की फिक्र बढ़ा रही है। परियोजना कार्यो की धीमी चाल और ठंडे रवैये के कारण राज्य में राष्ट्रीय नदी संरक्षण परियोजना रेंग रही है। बल्कि केंद्र को यह शंका सताने लगी है कि अगले एक दशक में गंगा को निर्मल और अविरल बनाने का उसका संकल्प कहीं सूबे की इस...
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हमारी नादानी से नदारद न हो जाएं नदियां
इसे अपनी संस्कृति की विशेषता कहें या परंपरा, हमारे यहा मेले नदियों के तट पर, उनके संगम पर या धर्म स्थानों पर लगते हैं और जहा तक कुंभ का सवाल है, वह तो नदियों के तट पर ही लगते हैं। आस्था के वशीभूत लाखों-करोड़ों लोग आकर उन नदियों में स्नानकर पुण्य अर्जित कर खुद को धन्य समझते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि वे उस नदी के जीवन के बारे में कभी भी नहीं सोचते।...
More »डुबकी लगाने लायक भी नहीं है गंगा
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। तारने वाली गंगा के पानी के मारक होने पर बहस हो सकती है मगर एक बात तय है कि अब गंगाजल आचमन तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं है। भागीरथी के दामन से प्रदूषण के दाग धोने पर अरबों रुपया बहाने के बावजूद सरकार के तथ्य बताते हैं कि कि गंगोत्री से लेकर डायमंड हार्बर के बीच अधिकतर स्थानों पर गंगा जल से दूर ही रहने में भलाई है। ...
More »हिंडन नदी में न प्राण बचे और न प्राणी
नोएडा। हिंडन नदी मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद से गुजरते हुए गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा के पास तीलवाड़ा गाव से एक किलोमीटर आगे यमुना में समा जाती है। इसमें उद्योगों का केमिकल कचरा गिरने से इसका पानी जहर बन चुका है। इतना ही नदी में ऑक्सीजन की मात्रा शून्य के बराबर हो जाने से मछलियों और जीव जंतुओं का अस्तित्व भी समाप्त हो चुका है। यमुना की सहायक नदी...
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