जलवायु परिवर्तन का भारत में भी दिखने लगा प्रभाव पर्यावरण संरक्षण पर आयोजित सेमिनारों में लंबे-चौड़े भाषण देकर लोग अपने काम की इतिश्री कर लेते हैं. लेकिन, व्यावहारिक जीवन में अपनी ही कही बात पर अमल नहीं करते. इसी का नतीजा है कि प्राकृतिक संपदा और तीन प्रकार के मौसम चक्र से परिपूर्ण भारत भी जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से जूझ रहा है. वनों की अंधाधुंध कटाई, नदियों का विनाश, औद्योगिक...
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बेतरतीब विकास से आई आफत - संजय गुप्त
पेरिस में जलवायु सम्मेलन के दौरान ही चेन्न्ई में बारिश से मची तबाही के कारण आम लोगों के लिए भी जलवायु परिवर्तन और अधिक चिंता का विषय बन गया है। चेन्न्ई के संकट ने यह स्पष्ट किया कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली समस्याएं सिर उठा चुकी हैं और उनका सामना करने के अलावा और कोई उपाय नहीं। पेरिस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का पक्ष मजबूती...
More »जलवायु परिवर्तन : घिरता भारत-- अनुज सिन्हा
दुनिया की जलवायु में तेजी से परिवर्तन हो रहा है, धरती का तापमान बढ़ रहा है. संकट बढ़ रहा है. इसके लिए दुनिया के विकसित देश अब भारत और अन्य विकासशील देशों को घेरने में लगे हैं. पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर हुए सम्मेलन में भारत यही बताता रहा कि विकसित देश अपना दोष विकासशील देशों पर मत मढ़ें. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को यही समझाने में लगे रहे कि...
More »हिमालयी विकास का मॉडल- सुरेश भाई
हिमालय बचाओ! देश बचाओ! सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि यह हिमालय क्षेत्र में भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी रास्ता है। चिपको आंदोलन के दौरान पहाड़ की महिलाओं ने नारा दिया कि मिट्टी, पानी और बयार! जिंदा रहने के आधार! और ऊंचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे! ये तमाम नारे पहाड़ के लोगों ने दिए हैं। हिमालयी क्षेत्रों के लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक...
More »भूकंप से पर्यावरण को भी जोड़कर देखें- अनिल प्रकाश जोशी
इतने कम अंतराल में दक्षिण एशिया में आए दो बड़े भूकंप से हमें कुछ तो सीखना ही होगा। पहले नेपाल में और अब अफगानिस्तान में आया भूकंप यह संकेत है कि हमें नए सिरे से पर्यावरण को समझना होगा। पर्यावरण और भूकंप दो अलग-अलग विषय हो सकते हैं, पर भूकंप की वजह से होने वाले नुकसान से पता चलता है कि पर्यावरण के प्रति हमारा व्यवहार कैसा हो गया है। पृथ्वी...
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