आज के भारत भाग्य विधाता मानें या नहीं, अन्न उत्पादन के मामले में भारत का आत्मनिर्भर बन जाना, बीसवीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं और हमारी राष्ट्रीय उपलब्धियों में से है. लेकिन, कम लोगों को याद होगा कि हरित क्रांति के जनक नॉर्मन बोरलॉग ने नोबेल पुरस्कार ग्रहण करते वक्त भाषण में दो बातें कही थीं. पहला, हरित क्रांति अमरता की बूंदें पी कर नहीं आयी. इसका भी किसी दिन...
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ग्राम स्वराज पर पुनः चिंतन-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
वर्तमान सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए एक नया प्रयास किया था. सांसदों को एक-एक गांव गोद लेने की सलाह दी गयी थी. उनसे कहा गया था कि इस गांव को विकास का प्रतिमान बनाया जाये. लेकिन, आखिरकार यह भी जुमला ही प्रतीत हो रहा है. पिछली सरकार के समय राष्ट्रपति कलाम साहब ने भी एक सपना देखा था कि ग्रामीण इलाकों में शहरों की सुविधाएं दी जाएं. लेकिन...
More »चीनी महिलाएं, आधे आकाश में-- राजीव रंजन
खुले बाल, हवा के संग लहराते, बेरोक-टोक. ऐसा लगता है जैसे चीनी महिलाओं की स्वच्छंदता और आकाश की नयी ऊंचाईयों को छूने की दास्तां हो. बेबाक हंसी और ठिठोलियां. अपनी पसंद और मर्जी से प्यार और शादी. मर्दों के संग कंधा से कंधा मिलाकर खेतों में, घरों में, आॅफिसों या कंपनियों में, हर जगह दस्तक देती नजर आ रही हैं चीनी महिलाएं! ऐसा नहीं कि ये सब रातोंरात हो गया...
More »कैंसर की तरह फैलता अवैध निर्माण - संजय गुप्त
हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक होटल मालिक ने अवैध निर्माण हटाने आईं सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैलबाला की जिस तरह गोली मारकर हत्या कर दी, वह अपराध की सामान्य घटना नहीं है। शैलबाला को गोली मारने वाले होटल मालिक ने पहले ले-देकर अपने अवैध निर्माण को बचाने की कोशिश की। जब वह नाकाम रहा तो उसने पुलिस की मौजूदगी में सहायक नगर नियोजन अधिकारी की हत्या कर दी। यह...
More »नीति आयोग ने जिस पैमाने से बिहार को आंका, वह तो उसमें निकला आगे
पटना : नीति आयोग के सीईओ अमिताभकांत ने अपने जिस पैमाने से बिहार को आंकने के बाद बयान दिया है उस क्षेत्र में राज्य रणबाकुरा बना हुआ है. अमिताभकांत का बयान एक तरफ है, सच्चाई दूसरी तरफ. महान अर्थशास्त्री माइकल टोडारो (अमेरिकन) मानव विकास इंडेक्स में पिछड़ेपन के लिए जनसंख्या में तीव्र वृद्धि, निम्न प्रतिव्यक्ति आय और प्राथमिक क्षेत्रों पर निर्भरता को मुख्य कारण मानते हैं. बिहार...
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