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एनएसओ सर्वेक्षण: साल 2019 में उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिणी राज्यों में ऋणग्रस्त कृषि परिवारों का अनुपात अधिक है!

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019', हाल ही में जारी किया गया था. यह सर्वेक्षण अन्य कई बातों के अलावा फसल वर्ष 2018-19 में किसान परिवारों की आय और वर्ष 2019 में ऋणग्रस्तता (सर्वेक्षण की तारीख) के बारे में सूचित करता है. हाल में जारी की गई इस रिपोर्ट से पहले,...

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उज्जवला योजना के लिए पीएम ने की थी इस गांव की तारीफ, 50 फीसदी परिवार तंगहाल, न गैस, न गोबर

-डाउन टू अर्थ, बिहार की राजधानी पटना से 200 किलोमीटर दूर मधुबनी जिला के झंझारपुर अनुमंडल में स्थित सुखैत गांव में कुल 104 परिवार हैं। इस गांव में दो परिवारों को छोड़कर सभी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हैं। आजीविका के लिए महानगरों में अनौपचारिक श्रम पर मजबूर इस गांव के घरों में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलेंडर खाली रखे हैं और घरों से...

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बिहार में जलवायु संकट से बढ़े हीट वेव से निपटने का बना एक्शन प्लान

-वाटर पोर्टल, बिहार में जलवायु संकट के कारण बढ़ रहे हीट वेव और वज्रपात को रोकने और उसका आकलन करने के लिए ‘मीडिया कलेक्टिव फॉर क्लाइमेट इन बिहार’ ने  गैर सरकारी संस्था ‘असर’ के साथ मिलकर एक  मीडिया रिपोर्ट जारी की है।  इस 67 पन्ने की रिपोर्ट में  जहां एक तरफ यह बताया गया है कि इस अध्ययन की  जरूरत क्यों पड़ी तो वही दूसरी और जमीनी चुनौतियों पर भी चिंतन किया...

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समाज के वंचित वर्गों के बच्चों के लिए बहुत कठिन है ऑनलाइन शिक्षा का रास्ता!

कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से एडटेक कंपनियों द्वारा शारीरिक कक्षाओं के विकल्प के तौर पर प्रचारित ऑनलाइन शिक्षण और शिक्षा, का हमारे देश में एक बड़ा उपभोक्ता आधार बन गया है. हालाँकि, समाज के वचिंत वर्गों में, ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव और फैलाव बहुत कम है. वास्तव में, हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद वर्ग और जाति-विभाजन की गहरी जड़ें डिजिटल शिक्षा तक लोगों की पहुंच को प्रभावित करता...

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क्या 50 लाख साल बाद, जल संकट से होने वाले पलायन से फिर जूझ रही है दुनिया?

-डाउन टू अर्थ, दिल्ली के श्रम बाजारों में पिछले कुछ हफ्तों से भीड़ बढ़ने लगी है। अनौपचारिक कामगारों के ये बाजार आसपास के राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के मौसम की स्थिति का पैमाना हैं। मानसून का यह मौसम अनिश्चितताओं से भरा है। दिल्ली के बाजारों में अनौपचारिक कामगारों की संख्या में वृद्धि भविष्य के सूखे का एक निश्चित संकेत है। कृषि के मौसम...

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