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हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष- हिंदी पत्रकारिता : भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी

हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। भारतवर्ष में आधुनिक ढंग की पत्रकारिता का जन्म अठारहवीं शताब्दी के चतुर्थ चरण में कलकत्ता, बंबई और मद्रास में हुआ। 1780 ई. में प्रकाशित हिकी का "कलकत्ता गज़ट" कदाचित् इस ओर पहला प्रयत्न था। लेकिन हिंदी पत्रकारिता की सही मायने में शुरुआत हिंदी के पहले पत्र उदंत मार्तण्ड के प्रकाशित होने के साथ 30 मई 1826 को हुई। इसीलिए इस...

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स्वास्थ्य नीति की बीमारी-भारत डोगरा

जनसत्ता 25 मई, 2013: भारत में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, स्वास्थ्य क्षेत्र संकट की स्थिति में है। गांवों के लिए विशेष स्वास्थ्य मिशन स्थापित करने के बावजूद अधिकतर जरूरतमंद गांववासियों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं, या इन्हें प्राप्त करने के लिए उन्हें असहनीय खर्च करना पड़ता है। इलाज पर आने वाला खर्च कर्जग्रस्त होने और गरीबी में धकेले जाने का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इस...

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लोकायुक्त को आरटीआई के दायरे से बाहर किया अखिलेश सरकार ने

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने लोकायुक्त को सूचना के अधिकार :आरटीआई: के दायरे से बाहर कर दिया है। सरकार ने यह जानकारी पिछले दिनों एक आरटीआई अर्जी पर राज्य सूचना आयोग के समक्ष दी है। लोकायुक्त के जनसूचना अधिकारी अरविन्द कुमार सिंघल ने गत शुक्रवार को मुरादाबाद के आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग की अर्जी पर राज्य सूचना आयोग में पेशी के दौरान दी गयी लिखित जानकारी में...

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अजीत ने अपनी टिप्पणी के लिए मांगी माफी

मुंबई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने पानी की कमी और बिजली कटौती के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए आज माफी मांग ली। पवार ने कहा कि उन्होंने लोगों और विधायिका की भावनाओं को आहत किया है। निचले सदन में भारी हंगामे और दो बार के स्थगन के बाद निजी स्पष्टीकरण देते हुए पवार ने स्वीकार किया कि उन्हें सतर्कता से अपने शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए था। उन्होंने...

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मर्ज कुछ इलाज कुछ- मुकेश कुमार

 जनसत्ता 23 मार्च, 2013: भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने पत्रकारों की योग्यता मापने के पैमाने तय करने के जिन उपायों की बात की है उनसे स्वाभाविक ही विवाद पैदा हो गया है। उनके अव्यावहारिक नुस्खों से किसी भी तरह सहमत नहीं हुआ जा सकता। पत्रकारिता में आई गिरावट के लिए जिन चीजों को वे जिम्मेदार बता रहे हैं, उन्हीं से पता चलता है कि वे समस्या...

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