देश में तेजी से हो रहे औद्योगिकीकरण और नये-नये इलाकों में आप्रवासियों के लिए बनते नये उपनगरों में अनुमान के हिसाब से लोगों के न पहुंचने से वहां बिल्कुल खाली पड़े लाखों मकानों के बारे में अक्सर चर्चा होती है. कहा जा रहा है कि चीन में पचास से अधिक ऐसे इलाके हैं, जहां नवनिर्मित आवासीय इकाइयां लगभग खाली पड़ी हैं. विडंबना ही है कि अब भारत में भी...
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सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश, सोशल मीडिया समेत कहीं भी प्रकाशित-प्रसारित ना हो यौन पीड़ित की तस्वीरें
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में हर तरफ महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया से कहा कि देश में यौन उत्पीड़न की घटना की पीड़ितों की तस्वीरें किसी भी रूप में प्रकाशित या प्रदर्शित नहीं की जाये. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा...
More »यूपी के छह करोड़ गरीबों को पांच लाख का मुफ्त इलाज
प्रदेश के छह करोड़ गरीब लोगों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को राज्य और जिला स्तर पर निजी अस्पतालों को सूची बनाकर प्राथमिकता पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव डॉ. अनूप चन्द्र पाण्डेय ने यह निर्देश मंगलवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि...
More »लोक संसद की कल्पना-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
सफल लोकतंत्र के लिए समाज के हर स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति श्रद्धा का होना जरूरी है. यदि व्यक्ति, परिवार, जाति समूहों और प्रकृति के साथ हमारा लोकतांत्रिक संबंध नहीं होगा, तो फिर राज्य और सरकार के स्तर पर भी इसका होना संभव नहीं है. बलात्कार, भीड़ द्वारा हत्या, धर्म के नाम पर हिंसा, घरेलू हिंसा आदि में यदि बढ़ोतरी हो रही हो, तो फिर हमें समझना चाहिए कि...
More »किसानों की हालत बदलनी होगी-- प्रो. योगेन्द्र यादव
पिछले दिनों एक उद्योगपति ने किसानों के बारे में बड़ी चौंकानेवाली बात कही. एक जमाने में इन्फोसिस की संस्थापक टीम के सदस्य रहे और आजकल भारतीय जनता पार्टी के नजदीक समझे जानेवाले उद्योगपति मोहनदास पई ने कहा कि देश में सिर्फ 16 प्रतिशत किसान हैं. उन्हें सिर्फ संख्या से मतलब नहीं था. वह एक राजनीतिक बात कह रहे थे कि देश में इतने छोटे से वर्ग को नाना प्रकार...
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