-डाउन टू अर्थ, भारत जैसे महादेश में आज आदिवासियत पर विमर्श अपरिहार्य है। वास्तव में यह केवल अस्मिता अथवा अधिकारों का मसला मात्र नहीं है - आदिवासियत की प्रासंगिकता उन तमाम संदर्भों से भी है, जो आदिवासी समाज के संपन्नता से विपन्नता तक के संक्षिप्त इतिहास में आज कहीं जाहिर-अजाहिर तौर पर दर्ज हैं। सरकारों के लिये आदिवासियत का पूर्ण-अपूर्ण अर्थ आदिवासी समाज का 'संवैधानिक दर्जा' है। एक ऐसा संवैधानिक दर्जा,...
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प्रवासियों के लिए उठाए गए कदम को सुप्रीम कोर्ट को बताने में विफल रहे 28 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश
-द प्रिंट, 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 45 दिन पहले शीर्ष अदालत द्वारा निर्देशित तीन मौजूदा सामाजिक सुरक्षा कानूनों के तहत प्रवासी श्रमिकों के लिए उठाए गए कदमों के विवरण सर्वोच्च न्यायालय को देने में विफल रहे हैं. यह 31 जुलाई को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर दर्ज स्वतः संज्ञान मामले पर दायर एक निहितार्थ आवेदन की सुनवाई के दौरान सामने आया था. एनएचआरसी ने यह इंगित...
More »बिहार में कोविड-19 महामारी की कमजोर तैयारी से गहराता स्वास्थ्य संकट
-कारवां, 16 जुलाई तक बिहार में कोविड-19 मामलों की संख्या दोगुनी होकर 20612 तक पहुंच गई थी. संक्रमित लोगों में राज्य और राजनीतिक प्रतिष्ठान के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल है जिसके चलते महामारी को लेकर राज्य की प्रतिक्रिया धीमा हो रही है. यह तब है जब परीक्षणों के मामले में राज्य सबसे कम परीक्षण करने वाले राज्यों में गिना जा रहा है. परीक्षण का राष्ट्रीय औसत 9289 प्रति 10 लाख है...
More »भारत के दक्षिणी राज्यों में लगभग 10 लाख महिलाओं ने कैसे बंद किया बीड़ी बनाना
द प्रिंट, ऐसे समय में, जब भारत में बहस चल रही है कि महिला मज़दूरों पर बीड़ी उद्योग के बोझ को कैसे कम किया जाए, देश के दक्षिणी सूबे इसका एक खाका पेश कर रहे हैं. 1993 से 2018 के बीच, भारत में बीड़ी मज़दूरों की संख्या में, कुल मिलाकर 21 लाख का इज़ाफा हुआ है लेकिन दूसरी तरफ एक अच्छी खासी गिरावट भी देखी गई. दक्षिणी सूबों- तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश-तेलंगाना...
More »लॉकडाउन ने हाशिए पर रह रहे लोगों को बिल्कुल साधनहीन बना दिया है
हाल ही में किया गया सर्वेक्षण COVID-19 लॉकडाउन की घोषणा के लगभग 45 दिनों के बाद श्रमिकों की अनिश्चित स्थितियों का खुलासा करता है. इस सर्वे में दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और झारखंड राज्यों के 1,405 प्रवासियों से टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम से बातचीत कर अनिश्चित स्थितियों का आकलन किया गया था. ‘लेबरिंग लाइव्स: हंगर, प्रीकरिटी एंड डेसपेयर एमिड लॉकडाउन’ नामक इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के 45 दिन...
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