हाल ही में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2016 में 118 देशों की सूची में भारत को 97वें स्थान पर रखा गया है। हममें से जो लोग भारत में भूख और पोषण से संबंधित मुद्दों की उपेक्षा के लिए चिंतित रहते हैं, उनके लिए ये आंकड़े बड़ी खबर हैं, जिसने मीडिया का भी ध्यान खींचा है। कुपोषण एक ऐसी समस्या है, जो विभिन्न पीढ़ियों में पाई जाती है। एक कुपोषित मां द्वारा एक...
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जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह
ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...
More »छत्तीसगढ़ में अब गैस पर पकेगा मध्याह्न भोजन
रायपुर, ब्यूरो। बच्चों को सही पोषण आहार देने और उन्हें लकड़ी के धुएं व प्रदूषण से छुटकारा दिलाने के लिए राज्य सरकार ने मिड-डे मील की बजट राशि के साथ कुकिंग कॉस्ट बढ़ा दी है। बजट में करीब 8 से 10 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। राज्य के 35 हजार स्कूलों में 38 लाख बच्चों के लिए करीब 100 करोड़ का स्र्पए खर्च करने का दावा किया जा रहा है। कुकिंग...
More »कोरबा के स्कूल में केवल एक छात्र को पढ़ाने के लिए दो शिक्षक
कोरबा, नईदुनिया न्यूज। एक सरकारी प्राथमिक शाला जहां केवल एक छात्र है और उसे पढ़ाने के लिए रोज दो शिक्षक आते हैं। इसके अलावा दो अन्य कर्मचारी भी हैं। एक बच्चे के लिए 4 कर्मचारियों का स्टापᆬ काम कर रहा। पिछले चार साल से लगातार बच्चों की संख्या घटने के बाद यह नौबत आई है। लापरवाही की हद तो यह है कि वर्ष 2014-15 के दौरान शिक्षा विभाग ने इस स्कूल...
More »हाथ में रोटी लेकर बच्चे करते हैं मध्यान्ह भोजन
बैतूल। स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के नाम पर पानी की तरह पैसा तो बहाया जा रहा है, लेकिन आज भी कई स्कूलों में हाल-बेहाल हैं। भैंसदेही विकासखंड के ग्राम मच्छी बोरगांव स्थित प्राथमिक स्कूल में पिछले 2 साल से बच्चों को मध्यान्ह भोजन देने के लिए थालियां तक नहीं हैं। ऐसे में बच्चों को हाथ में रोटियां लेकर खाना पड़ता हैं तो सब्जी के लिए घर से कुछ लाना होता...
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