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विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वी नगालैंड को अलग राज्य बनाने की मांग तेज़

द वायर, 05 सितम्बर नगालैंड में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पूर्वी हिस्से को अलग कर नया राज्य बनाने की मांग तेज हो गई है. इस कड़ी में क्षेत्र के 20 विधायकों ने भी मांग पूरी नहीं होने तक किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के आह्वान का समर्थन कर दिया है. उल्लेखनीय है कि पूर्वी नगालैंड के अंतर्गत छह जिले- मोन, तुएनसांग, किफिरे,...

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नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों से भारत में हर साल हो रहा है 16.6 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन

डाउन टू अर्थ, 31 अगस्त  वैश्विक स्तर पर केवल नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों के उपयोग से हर साल 113 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हो रहा है, जोकि जलवायु के लिए एक बड़ा खतरा है। उत्सर्जन का यह खतरा कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह कृषि क्षेत्र से होने वाले कुल उत्सर्जन का करीब 10.6 फीसदी हिस्सा है जबकि ग्रीनहाउस गैसों के वैश्विक...

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असम में 2021 के दौरान अपराध के मामलों में 10% इजाफा : NCRB

एनडीटीवी इंडिया, 31 अगस्त  अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में असम में अपराध के मामलों की संख्या लगभग 10 प्रतिशत बढ़कर 1.33 लाख से अधिक हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि असम में पिछले साल अपराध के 1,33,239 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में 1,21,609 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से 1,19,883 मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अपराध थे. यह...

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मानसून ही क्यों है हमारा असली वित्त मंत्री

न्यूजलॉन्ड्री, 31 अगस्त हमारी खेती का बड़ा हिस्सा मानसूनी वर्षा पर ही निर्भर है. यानी खेती-किसानी को एक अच्छे मानसून की हर साल जरूरत पड़ती है. वहीं, देश की लगभग दो-तिहाई आबादी का जीवनयापन खेती से ही चलता है. पिछले कुछ दशकों में भले ही भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपने आर्थिक प्रदर्शन के लिए कृषि पर निर्भरता में कमी की हो लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण 2022 के मुताबिक अब भी हमारी अर्थव्यवस्था में...

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प्रधानमंत्री जी! स्पीति में लगातार कम हो रही है मटर की खेती

डाउन टू अर्थ, 31 अगस्त  अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के स्पीति क्षेत्र की मटर की तारीफ की थी, लेकिन हकीकत यह है कि इस क्षेत्र के किसान जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ सिंचाई के पानी के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।   समुद्र तल से 3,000 से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर बसे 'शीत रेगिस्तान' के नाम से स्पीति क्षेत्र को जाना...

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