The spectre of INFLATION has returned to haunt India. It is not even six months since the United Progressive Alliance (UPA) government returned to power but its inability to control food prices is arguably its single biggest failure till now. The INFLATION rate will eventually come down sometime in the (hopefully) not-too-distant future and the government will surely take credit for bringing prices down as and when that happens. But...
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अभी और बढ़ेगी महंगाई
साल २००५ से २००७ के बीच दुनिया में गेंहूं, चावल और तेलहन के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है और इन चीजों के दामों में साल २००८ की पहली छमाही में भी बढ़ोतरी जारी रही।ओईसीडी(आर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगामी दस सालों में चावल-गेहूं सहित बाकी अनाज और तेलहन में पिछले दशक के मुकाबले १० से ३५ फीसदी की बढ़ोतरी होगी।...
More »किसान और आत्महत्या
खास बात • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 1996 में 15.6% , साल 2002 में 16.3% साल 2006 में 14.4% , साल 2009 में 13.7% तथा साल 2010 में 11.9% तथा साल 2011 में 10.3% रहा है। # • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 2014 में 9.4%,साल 2015 में 9.43%, साल 2016 में 8.7%, साल 2017 में 8.2%, साल 2018 में 7.69% रहा है। • 2018...
More »थोक महंगाई दिसंबर में घटकर 4.95% हुई, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट का असर
अमर उजाला, 16 जनवरी भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति नवंबर के 5.85% से घटकर दिसंबर 2022 में 4.95% हो गई, इसका मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं और कच्चे पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में गिरावट है। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति नवंबर 2022 में 5.85% और एक साल पहले दिसंबर 2021 में 14.27% थी। दिसंबर 2022 के दौरान खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति (-)1.25% रही, जबकि ईंधन और बिजली के मामले में यह 18.09% रही।...
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