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किसानों के लिए ब्याज छूट योजना को मिल सकती है मंत्रिमंडल की मंजूरी

नयी दिल्ली। सरकार कल किसानों को 7 प्रतिशत की रियायती दर से अल्पावधिक फसल रिण देने की योजना पर विचार कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल कल अपनी बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक, सहकारिता बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा लागू की गई ब्याज छूट योजना का मुद्दा उठा सकता है। ब्याज छूट योजना के तहत सरकार किसानों को सात प्रतिशत की रियायती दर पर किसानों...

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गांवों से ज्यादा शहरों में गरीबों को खाद्य सुरक्षा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को लागू करने के लिए खाद्य मंत्रालय को योजना आयोग से मिले आंकड़ों में हरियाणा, दिल्ली, पुडूचेरी, दमन-दीव और चंडीगढ़ में गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा गरीब लोग रहते हैं। ऐसे में इन राज्यों में अत्यंत सस्ती दरों पर होने वाले आवंटन में लाभार्थियों का प्रतिशत गांव के मुकाबले शहर में ज्यादा होगा। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के माध्यम से देश की 81.39...

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भुखमरी के जनतंत्र में खाद्य-सुरक्षा- अश्विनी कुमार

खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने पर महीनों की दुविधा के बाद यूपीए सरकार ने आखिर अध्यादेश का रास्ता चुना. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इसे लाइफ सेवर (जीवन रक्षक) व लाइफ चेंजर (जीवन बदलनेवाला) करार दिया, जबकि विपक्षी पार्टियों और नीतिगत विश्लेषकों ने इसे लागू करने के तरीके पर आपत्ति जाहिर की. यह ऐतिहासिक फैसला देश के करीब 67 फीसदी लोगों को सस्ते अनाज पाने का कानूनी हक मुहैया करायेगा. इस...

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नकद पैसे बांटकर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास- बाबूलाल नागा

देश की सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए कई तरह के जतन करती है। लोगों को मुफ्त आवास देती है। रोजगार देती है। भोजन की गारंटी के सपने दिखाती है। राजस्थान सरकार अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए चुनाव से पहले कई योजनाओं के तहत नकद पैसा बांट रही है। लोगों को साड़ी कंबल खरीदने के लिए पैसे दे रही है। घर में भले ही बिजली ना आए...

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घाटे के डर से सार्वजनिक खर्च से बच रही सरकार

नई दिल्ली [नितिन प्रधान]। राजकोषीय घाटे की चिंता सरकार को अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए जरूरी सार्वजनिक खर्च की रफ्तार बढ़ाने से रोक रही है। इसके बजाय सरकार अर्थव्यवस्था का माहौल बदलने के लिए नीतिगत फैसलों में बदलाव पर ज्यादा भरोसा कर रही है। निवेश के लिए फिलहाल सरकार पूरी तरह निजी क्षेत्र पर निर्भर कर रही है। चालू वित्त वर्ष 2013-14 की शुरुआत के बाद अब तक सरकार द्वारा लिए...

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