SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 915

नए रोजगार गढ़ता भारत

नई दिल्ली [जयंतीलाल भंडारी]। इन दिनों जो रोजगार सर्वेक्षण प्रकाशित हो रहे है, वे बता रहे है कि देश के प्रोफेशनल और प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार अवसर बढ़ रहे है। युवा पेशेवरों के लिहाज से यह एक अच्छी खबर है कि भारतीय जॉब मार्केट एक बार फिर से आत्मविश्वास से भरपूर नजर आ रहा है। इंटरनेशनल रिक्रूटमेंट फर्म एटल के जून 2010 में प्रकाशित किए गए नवीनतम सर्वे में यह...

More »

कृषि से उद्योग का रुख करे कार्यशील आबादी

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआई] का मानना है कि अगले एक दशक के दौरान कार्यशील युवा आबादी बढ़ने से भारत को काफी फायदा होगा, पर इसके लिए जरूरी है कि कृषि क्षेत्र से श्रमिक उद्योग और सेवा क्षेत्र की ओर आएं। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण ने शुक्रवार को कहा कि निरंतर ऊंची वृद्धि हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि काम करने वाली आबादी कृषि क्षेत्र...

More »

दाल से टूटता रोटी का नाता

नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...

More »

शुगर क्यों हो, स्टीविया है न

रचना गुप्ता, शिमला। इसे चीनी के आसमान छूते दामों का दम कहें या स्वास्थ्य सरोकारों के लिए संजीदगी, खबर यह है कि लोग अब चाय में न तो चीनी पी रहे हैं न शुगरफ्री गोलियां। स्टीविया अब उनकी जीवनचर्या का अंग बन चुका है। मिठास के लिए वे मीठे पौधे स्टीविया का प्रयोग रूटीन में करने लगे हैं। इस पौधे को चीनी के विकल्प के कारण घरों में लगाने लगे...

More »

ज्यादा तेजी से अमीर बनेंगे भारत-चीन

बोस्टन। भारत और चीन भविष्य में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले धन दौलत बनाने में आगे रहेंगे। ग्लोबल सलाहकार फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप 10वीं सालाना रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2009 से 2014 के अंत तक संपत्तिायां बनाने के मामले में भारत और चीन की वृद्धि दर अन्य देशों की तुलना में तीन गुना ज्यादा रहेगी। दोनों ही विश्व की सबसे तेजी से उभरती...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close