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ग्लोबल वार्मिंग के कारण कनाडा की अंतिम साबुत बची हिमचट्टान टूटी

-इंडिया वाटर पोर्टल, दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग का असर अब तेजी से बढ़ने लगा है। उत्तरी अमेरिका के देश ‘कनाडा’ में साबुत बची अंतिम हिमचट्टान का अधिकांश हिस्सा टूटकर विशाल हिमशैल द्वीपों में बिखर गया। ये लगभग 4 हजार साल पुरानी हिमचट्टान थी, जो एलेसमेरे द्वीप के उत्तर पश्चिम पर मौजूद थी। ये आकार में कोलंबिया जिले से बड़ी, यानि लगभग 187 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई थी, लेकिन 43...

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ईआईए अधिसूचना का मसौदा किस प्रकार से आदिवासियों और वनवासी समुदायों के अधिकारों से समझौता करना है

-न्यूजक्लिक, जहां एक ओर पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना, 2020 के मसौदा दस्तावेज की आलोचना व्यापार को आसान बनाने के लिए पर्यावरणीय मानदंडों को खत्म करने की कोशिशों की खातिर की जा रही है, वहीं इन नए प्रावधानों के चलते समाज के कुछ तबकों को इसका सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। और वे तबके हैं जंगली इलाकों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति और अन्य पारम्परिक वनवासी समुदाय के लोग। नई अधिसूचना...

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ग्लोबल वार्मिंग के कारण एशियाई क्षेत्रों में हो रही है अधिक मानसूनी बारिश: अध्ययन

-डाउन टू अर्थ, आसाम, बिहार में लगातार बाढ़ की विभीषिका से हर साल लाखों लोग बेघर हो जाते है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस के अनुसार भारत में अब तक 68 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। हाल ही में भारत, बांग्लादेश और नेपाल में लगभग 550 लोग मारे गए हैं।  जबकि पिछले महीने बाढ़ आने के बाद से लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं।...

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जागते रहो

-इंडिया टूडे, घनघोर मंदी के बीच शेयर बाजार की छलांग देखने के बाद एक नवोदित ब्रोकर ने शेयरों-शेयरों का पानी पिए अपने तपे तपाए उस्ताद के केबिन में जाकर खिलखिलाते हुए कहा, ‘‘सर, मजा आ गया, आज तो निफ्टी रॉकेट हुआ जा रहा है.’’ उम्रदराज ब्रोकर ने कंप्यूटर से निगाहें हटाकर कहा, ‘‘लकी फूल’ हो तुम.’’ यानी किस्मती मूर्ख, जो मौके के सहारे मीर (फूल्ड बाई रैंडमनेस) बन जाते हैं और...

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पर्यावरण पर नई दृष्टि जरूरी

-आउटलुक, “बहुविषयक पढ़ाई पर्यावरण समझ विकसित करने में मददगार, मगर प्रयोगधर्मी शिक्षा भी अनिवार्य” कई वर्षों से पर्यावरण इतिहास के पठन-पाठन से जुड़े होने के कारण यह गहरा एहसास है कि अर्थशास्त्र, भूगोल, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान जैसे विषयों पर जानकारी के अभाव में उसे ठीक से समझ पाना काफी मुश्किल है। इस मायने में पर्यावरण अध्ययन का संबंध बहुविषयक है। इसके दायरे में वह सब आता है जिससे मानव सभ्यता...

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