शिमला : किसानों को अब परंपरागत खेती की ओर मुड़ना ही होगा। यदि समय रहते किसानों ने पुरानी कृषि पद्धति को नहीं अपनाया तो भविष्य में इसके भयावह परिणाम भुगतने होंगे। कृषि पद्धति ही नहीं किसानों को खेती में विविधता भी लानी होगी क्योंकि अधिक रसायन के प्रयोग के कारण हिमाचल की मिट्टी से पोषक तत्व खत्म होते जा रहे हैं। विकसित देश अब भारत में की जाने वाली परपंरागत कृषि...
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बुंदेलखंड पैकेज के अमल को लेकर चिंतित केंद्र
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बुंदेलखंड के लिए सूखा राहत पैकेज मंजूर करने के बाद भी इस क्षेत्र को लेकर केंद्र की चिंता कम नहीं हो रही है। सरकार की सारी उम्मीदें इस पैकेज के अमल पर टिकी हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारें इस पैकेज के अमल को लेकर क्या रणनीति अपनाती हैं, सरकार इस बात को लेकर अभी भी चिंतित है। सूत्रों के मुताबिक योजना आयोग ने मध्य...
More »‘वे इतिहास को वल्गराइज कर रहे हैं’
मध्यकालीन भारत पर दुनिया के सबसे बड़े विशेषज्ञों में गिने जाने वाले इरफान हबीब आजकल भारत के जन इतिहास शृंखला पर काम कर रहे हैं. इसके तहत दो दर्जन से अधिक किताबें आ गई हैं. हिन्दी पत्रिका तहलका के रेयाज उल हक के साथ बातचीत में वे बता रहे हैं कि किस तरह इतिहासकारों के लिए वर्तमान में हो रहे बदलाव इतिहास को लेकर उनके नजरिए को भी बदल देते...
More »वैज्ञानिक विरासत को सहेजने का सवाल
नई दिल्ली [प्रवीण प्रभाकर]। 'विज्ञान के सामने दिक्कत नई सूचनाओं, नई समझ को इस्तेमाल करने भर की नहीं है, बल्कि पुरानी सूचनाओं, जानकारियों और समझ को सहेजने की ज्यादा है।' मशहूर भौतिक विज्ञानी और 1965 में नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड फेमैन का यह कथन विज्ञान और तकनीक के भविष्य की कम और अतीत की ज्यादा चिंता दिलाती है। सचमुच जिज्ञासु प्रवृत्ति की वजह से इंसान खोज और आविष्कारों को लेकर काफी...
More »ग्लेशियर पिघलने से करोड़ों लोग होंगे प्रभावित
दुबई। आने वाले दशकों में हिमालय के ग्लेशियर पिघलकर छोटे होने से उनके आसपास रहने वाले करीब छह करोड़ लोगों को खाद्य पदार्थों की किल्लत के साथ-साथ पानी के स्रोत खत्म होने से फसलों के नुकसान से भी दो-चार होना पड़ेगा। हालैंड के वैज्ञानिकों ने एक ताजा अध्ययन में यह दावा किया है। हालांकि साइंस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के लेखक वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह नुकसान जलवायु...
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