राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक से होते हुए भारतीय जनता पार्टी में महासचिव का पद संभाल चुके केएन गोविंदाचार्य पिछले कई सालों से पार्टी से छुट्टी पर चल रहे हैं. वह राजनीति की मुख्यधारा से भले अलग हो गये हों, पर उनकी छवि देसी चिंतक -विचारक की है. उनके पास भारत को देखने-समझने का अपना ‘स्वदेशी' नजरिया है. हाल ही में गोविंदाचार्य से बातचीत की प्रभात खबर डॉट कॉम के...
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सूचना क्रांति के बीच सूचना ही संदिग्ध - पीयूष पांडे
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के विकीपीडिया प्रोफाइल को 27 जून को किसी ने बदल दिया और उन्हें मुस्लिम बता दिया। उनके पिता मोतीलाल नेहरू और उनके दादा के प्रोफाइल पेज पर भी इसी तरह छेड़खानी की गई। इतना ही नहीं, नेहरू के बारे में कुछ अन्य आपत्तिजनक बातें भी प्रोफाइल में जोड़ी गईं। आरोप लगाया गया कि जिस आईपी एड्रेस से यह छेड़खानी की गई, वो केंद्र सरकार...
More »सामाजिक, आर्थिक व जातीय जनगणना : समावेशी जुबान, मंशा अनजान!
आजादी के बाद भारत में गरीबी रेखा तय करने की दिशा में उठाये गये विभिन्न कदमों की सूची में पिछले कुछ वर्षो के दौरान संचालित सामाजिक, आर्थिक व जाति सर्वेक्षण का महत्वपूर्ण स्थान है. इसमें पहली बार किसी परिवार की सामाजिक पहचान को तरजीह दी गयी है. देश में लंबे अरसे से ऐसी मान्यता रही है कि गरीबी की मार कुछ सामाजिक श्रेणियों को ज्यादा ङोलनी पड़ती है, जिनमें से...
More »AAP सरकार को नहीं पता, दिल्ली में कितने लोग अक्षम
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम लोगों के लिए योजनाएं व सुविधाएं प्रदान कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद चलताऊ तरीके से हो रही है। दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के पास आज भी कोई आंकड़ा नहीं है कि शारीरिक रूप से कितने अक्षम लोग यहां रह रहे हैं। इसी का नतीजा है सरकार आज तक इनके लिए कोई कारगर कदम नहीं...
More »सौ फीसदी कट-ऑफ मार्क्स! हद है... - प्रेमपाल शर्मा
पिछले कुछ वर्षों से पूरा देश सुन रहा है दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की ऊंची कट-ऑफ के बारे में। हर वर्ष ऊंची होती कट-ऑफ अब शत प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। पहले एक-दो कॉलेज में कट-ऑफ 100 के करीब रहती थी, अब कई कॉलेजों में हो गई है। मान भी लें अच्छी बात है - बच्चे मेहनती, मेधावी हैं तो नंबर भी अच्छे लाएंगे, लेकिन दाखिले के...
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