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मानवाधिकार संगठन की नई रिपोर्ट - किसान-आत्महत्या के कुछ अनदेखे पहलू

क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...

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इतिहास के आईने में किसान आंदोलन-- योगेंद्र यादव

इधर राहुल गांधी का भट्टा-परसौल में आना हुआ तो उधर चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का जाना. पहली नजर में इन दोनों घटनाओं का आगे-पीछे होना विशुद्ध संयोग है. लेकिन जरा गौर से देखें तो इस संयोग में गहरे निहितार्थ छिपे दिखाई देते हैं. यहां किसान आंदोलन के भूत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाले कुछ तार बिखरे पड़े हैं. राहुल गांधी का आना किसान आंदोलन की तात्कालिक विजय का प्रतीक...

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बताने होंगे जाति, धर्म - सार्वजनिक नहीं होंगे आंकड़े -

नयी दिल्ली : कैबिनेट ने जाति और धर्म आधारित जनगणना को मंजूरी दे दी. ग्रामीण और शहरी इलाकों में गरीबी रेखा से नीचे रहनेवालों की गणना को भी मंजूरी मिल गयी. गणना का काम जून से शुरू होगा. दिसंबर तक खत्म हो जायेगा. इस पर करीब 3500 करोड़ खर्च होंगे. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने यह जानकारी...

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काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करें: बाबा रामदेव

यवतमाल. देश की जनता दरिद्रता, बीमारी, भूख, कुपोषण से पीड़ित है। सभी तरह से बेहाल है फिर भी देश के नेताओं ने जनता को चूस-चूसकर भ्रष्टाचार के माध्यम से थोड़ा नहीं बल्कि 4 लाख करोड़ रु. का काला धन विदेशी बैंक में जमा कर रखा है। इस काला धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर देश में लाना जरूरी है। इस राष्ट्रीय संपत्ति का उपयोग करने से देश सिर्फ बलवान ही नहीं...

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किसानों के खाते में डाली जा रही चोरी की बिजली

चंडीगढ़। पंजाब सरकार इस साल किसानों और अनुसूचित जातियों को दी जाने वाली नि:शुल्क बिजली पर 4200 करोड़ रुपए सब्सिडी के रूप में खर्च करेगी जो प्रदेश की वार्षिक योजना का लगभग 35 फीसदी है। पिछले सप्ताह पंजाब स्टेट रेगुलेटरी कमीशन ने जो नया टैरिफ ऑर्डर दिया है उसमें किसानों की बिजली का आकलन 1930 घंटे प्रति ट्यूबवेल किया गया है जो तर्कसंगत नहीं है। कृषि विभाग के अधिकारियों का भी मानना...

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