एक राज्य के तौर पर झारखंड ने सोलह साल का सफर तय कर लिया है. इस दौरान एक अलग राज्य के तौर पर झारखंड ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है. लेकिन, नये राज्य के बनने के बाद से झारखंड से जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसा कुछ हो नहीं हो पाया. फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दौरान राज्य कई मामले में आगे बढ़ा है....
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नोटबंदी के साइड इफेक्टस् : सबसे ज्यादा चोट किसपर ?
विमुद्रीकरण से मची अफरा-तफरी के बीच क्या देश इस हालत में है कि रोजमर्रा की चीजों की खरीद के लिए सरकारी घोषणाओं के मुताबिक बैंकों और एटीएम से नगदी जुटा सके ? सरकारी घोषणाओं में देशवासियों से कहा गया है कि वे नगदी की तात्कालिक कमी से होने वाली असुविधा के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, मोबाइल और इलेक्ट्रानिक वैलेट का इस्तेमाल करें. लेकिन क्या देश कैशलेस इकॉनॉमी की तरफ कदम...
More »बिरसा मुंडा की विरासत-- अनुज लुगुन
आनेवाले 15 नवंबर को महायोद्धा बिरसा मुंडा की 141वीं जयंती होगी. इसी तिथि को अलग राज्य के रूप में झारखंड की स्थापना हुई. यानी इस तारीख को बिरसा मुंडा को कई तरीकों से याद किया जायेगा. इस दिन झारखंड सरकार की ओर से बड़ा आयोजन होगा, आदिवासी हितों की घोषणाएं भी होंगी. लेकिन, बिरसा की विरासत क्या है? यह सवाल हर समय मौजूद रहेगा. मुख्यधारा के इतिहास लेखन ने...
More »राजनीति में भ्रष्टाचार के साथ ही बढ़ता गया काला धन-- सुरेन्द्रकिशोर
ब्रिटिश अर्थशास्त्री कैलडोर ने 1956 में यह बताया था कि भारत में काला धन सकल घरेलू उत्पाद का 4-5 प्रतिशत है. वांचू कमेटी के अनुसार 1970 में करीब सात प्रतिशत था. एक अध्ययन के अनुसार 1985 में यह जीडीपी का 18-20 प्रतिशत हो गया. एक अन्य अध्ययन के अनुसार 1995-96 में यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया था. 2005-6 में यह 50 प्रतिशत तक पहुंच गया....
More »बिहार के किसानों की आय सबसे कम, पंजाब अव्वल
देश में किसानों की दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है और अब इसकी तसदीक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के आंकड़ों से भी हो गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक किसानों की मासिक आय 6,426 रुपये आंकी गई है, जबकि प्रत्येक किसान औसतन 47,000 रुपये का कर्जदार है। इनमें भी कृषि प्रधान बिहार की स्थिति और भी दयनीय है। यहां के किसानों की मासिक आय मात्र 3,558 रुपये है, जबकि पंजाब...
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