खास बात • तेलहन, मक्का,पाम ऑयल और दालों से संबद्ध तकनीकी मिशन को चलते हुए दो दशक गुजर चुके हैं।दाल, पाम ऑयल और मक्का को साल १९९०-९१,१९९२ और १९९५-९६ में इस सिशन के अंतर्गत लाया गया।मिशन के अंतर्गत १९८६ से तेलहन का उत्पादन विशेष रुप से शुरु हुआ और उसमें बढ़ोत्तरी हुई है फिर भी देश में खाद्य तेल की जितनी मांग है उसकी तुलना में देश में तेलहन का उत्पादन कम हो रहा है।.* • दालों का उत्पादन दशकों से ठहराव का शिकार है।इससे संकेत मिलते हैं कि दालों के उत्पादन वृद्धि का...
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खेती पर असर
खास बात • जलवायु परिवर्तन के कारण सालाना वर्षा चक्र पर असर पड़ेगा और भारत के कई इलाके निरंतर बाढ़ और सूखे की चपेट में आएंगे* • जलवायु परिवर्तन के कारण भारत के विभिन्न भागों में तापमान में बढ़ोतरी के साथ फसलों की उत्पादकता में कमी आई है। है।* • भारत से मलेरिया-उन्मूलन करना अब असंभव बनता जा रहा है। देश के कई नये इलाके मलेरिया की चपेट में आएंगे, खासकर उत्तर और...
More »सार्वजनिक वितरण प्रणाली
[inside]'एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक' का पहला संस्करण[/inside] जारी. सामान्य श्रेणी में ओड़िशा ने व विशेष राज्यों की श्रेणी में त्रिपुरा ने किया टॉप. 5 जुलाई, को दिल्ली में आयोजित खाद्य मंत्रियों के सम्मलेन में देश के खाद्य मंत्री श्री पियूष गोयल ने इस रिपोर्ट ('एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक') को किया जारी.(अंग्रेजी में यहाँ से पढ़िए) NFSA के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक असल में NFSA को लागु करने के लिए...
More »पंजाब के किसानों के लिए रासायनिक खेती छोड़ना क्यों कठिन है?
इंडियास्पेंड, 03 अप्रैल पंजाब के पश्चिमी फिरोजपुर जिले के सोहनगढ़ रट्टेवाला गांव के 63 वर्षीय अशोक कुमार ने 2012 में अपने तीन एकड़ खेत में जैविक खेती शुरू की थी। उन्होंने ऐसा अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छ पर्यावरण के लिए किया था। वह अपने परिवार के लिए भोजन तो उगाते ही थे, साथ ही में जैविक उत्पाद चाहने वाले लोगों के लिए बिक्री भी करते थे। 2016 तक उन्होंने अपने पूरे 16...
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