पटना : सूबे के सात सीमावर्ती जिलों में विकास कार्यो की जांच थर्ड पार्टी द्वारा करायी जायेगी. इससे पहले केंद्र के सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत कार्यो की जांच एडीएम स्तर के अधिकारी करते थे. थर्ड पार्टी कोई निजी या सार्वजनिक कंसल्टेंसी कंपनी हो सकती है. थर्ड पार्टी से जांच कराने का उद्देश्य कार्यो की गुणवत्ता व प्राक्कलन का अनुपालन की सही जानकारी हासिल करना है. वहीं बेसलाइन सर्वे के आधार पर...
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राज्य में अभी बनी रहेगी दूध की कमी
रांची : पूरे राज्य में गत 15 दिनों से दूध की कमी बनी हुई है. इस कमी से निबटना मुश्किल है. सुधा की रांची डेयरी से शहर व आसपास के बूथों पर दूध की आपूर्ति में लगातार कटौती की जा रही है. टाटीसिलवे व अन्य इलाके में तीन दिन बाद शनिवार की रात दूध पहुंचा, जो मांग से काफी कम था. गव्य निदेशालय सूत्रों के अनुसार शादी-ब्याह के इस मौसम में...
More »बदायूं, बलात्कार और विकास- चंदन श्रीवास्तव
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यूं तो अपने मौन के लिए जाने गये, तो भी उनका यह वाक्य भारतीय राजनीति के रोजमर्रा के पर्यवेक्षकों को दशकों तक याद रहेगा कि ‘जिस विचार का समय आ गया हो, उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती.’ इसी मिजाज का एक वाक्य साहित्यकार विक्टर ह्यूगो के नाम से भी मशहूर है. ह्यूगो के एक उपन्यास द हिस्ट्री ऑफ ए क्राइम में एक वाक्य आता है- ‘नथिंग इज स्ट्रांगर...
More »ज़मीन आदिवासियों की, क़ब्ज़ा किसी और का!- आलोक प्रकाश पुतुल
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के मीलूपारा की जानकी के लिए अपनी ज़मीन से पूरे 14 साल दूर रहना किसी वनवास से कम नहीं था. 14 साल तक तहसीलदार से लेकर हाईकोर्ट तक चली लड़ाई के बाद अब कहीं जा कर उनकी चार एकड़ ज़मीन वापस करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. हल्का पटवारी द्वारा अदालत में प्रस्तुत अपने 5 जनवरी 2012 के जांच रिपोर्ट में बताया गया कि जानकी बाई की ज़मीन...
More »दामोदर की जीवन रेखा को चाहिए जीवन दान- उमा(धनबाद)
-आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम पर संकट के बादल- बाढ़ जैसी भीषण प्राकृतिक आपदा को नियंत्रित करते हुए जीवन को रोशन करने के मकसद से 66 साल पहले 7 जुलाई, 1948 को अस्तित्व में आयी आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की जीवन रेखा आज जीवन दान के लिए तरस रही है. 27 मार्च, 1948 को डीवीसी का गठन भारत के संसद...
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