जनसत्ता 2 फरवरी, 2012 : हाल के वैश्विक संकट ने विश्व-स्तर पर लोगों को नए सिरे से आर्थिक नीतियों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। अब आम लोग और विशेषज्ञ दोनों निजीकरण, बाजारीकरण और भूमंडलीकरण पर आधारित मॉडल की प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं। आम लोगों की बेचैनी की अभिव्यक्ति सबसे प्रबल रूप में आक्युपाइ द वॉल स्ट्रीट आंदोलन के रूप में हुई है। दूसरी ओर, इस बार...
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एनआरएचएम घोटाला : सीबीआई ने तीन और लोगों की गिरफ्तारी की
नयी दिल्ली, छह जनवरी (एजेंसी)राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आवंटित धन के इस्तेमाल में कथित अनियमितता के सिलसिले में सीबीआई ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो नौकरशाह और एक व्यापारी है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के पूर्व महाप्रबंधक अभय कुमार बाजपेई को कल रात गिरफ्तार किया गया, जबकि परिवार कल्याण महानिदेशक एस पी राम और व्यापारी सौरभ जैन...
More »राज्य में लोक सेवा गारंटी लागू: राशन कार्ड 30 दिन में!
रायपुर। सरकारी अमला अब जनता से जुड़ी सेवाओं पर हीलाहवाला नहीं कर सकेगा। राज्य सरकार ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू कर 100 से अधिक प्रमुख सेवाओं की मियाद तय कर दी है। सरकारी विभागों को राशन कार्ड, लाइसेंस, सैंपल टेस्टिंग जैसे काम समय पर निपटाने होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने 16 दिसंबर को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। विभिन्न विभागों की भी अलग-अलग अधिसूचनाएं उसी दिन जनता के लिए प्रकाशित...
More »विकास का पैमाना क्या है- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 3 जनवरी, 2012: विदेशी निवेश भूमंडलीकरण की नीति का हिस्सा है। इसीलिए खुदरा व्यापार को विदेशी पूंजी के हाथों में देने के केंद्र सरकार के फैसले का स्थगन परमाणु समझौते की तरह ही है। अमेरिका के साथ भारत के परमाणु समझौते की पूरी प्रक्रिया पर नजर दौड़ाएं तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में कह दिया था कि सरकार के पास यही एकमात्र एजेंडा नहीं है। यूपीए-एक सरकार का...
More »संसद बनाम लोकतंत्र- राजकिशोर
जनसत्ता 27 दिसंबर, 2011: कभी-कभी ऐसा होता है कि शरीर की कुछ कोशिकाएं विद्रोह कर देती हैं। उनका पुनरुत्पादन इतनी तेजी से होने लगता है कि जिस शरीर का वे हिस्सा होती हैं, उसी का विनाश करने लगती हैं। इसे कैंसर कहा जाता है। कैंसर जब दिमाग में फैलता है तो वह पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इसी तरह, कभी-कभी ऐसा भी होता है कि समाज का एक हिस्सा...
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