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चुनाव बाद सिरे चढ़ेंगी विकास दर की चिंताएं- जयंतीलाल भंडारी

यह बजट से पहली आई खराब खबर है। केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन के अग्रिम अनुमानों में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2013-14 में आर्थिक विकास दर 4.9 प्रतिशत रहने की आशंका है। वैसे यह विकास दर पिछले वित्त वर्ष में दर्ज की गई 4.5 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर से ज्यादा है, लेकिन इसके बावजूद यह निराशाजनक इसलिए है, क्योंकि वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पिछले साल आम बजट पेश...

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द. एशियाई देशों से मक्का की मांग बढ़ी

दक्षिण एशियाई खरीदार भारतीय मक्का खरीद के सौदे करने में खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। भारत में अनुकूल मौसम के चलते पैदावार बढऩे की संभावना से इसके दाम निचले स्तर पर होने के कारण आकर्षक हैं। अर्जेंटीना से मक्का की सप्लाई सीमित है क्योंकि वहां मूल्य बढऩे की उम्मीद में किसान बिकवाली नहीं कर रहे हैं। अर्जेंटीना भी मक्का का प्रमुख निर्यातक देश है। प्रमुख उत्पादक राज्यों मौसम सुधरने और तापमान बढऩे...

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कृषि-भूमि और विदेशी निवेश- के पी सिंह

जनसत्ता  : शहरी विकास मंत्रालय का प्रस्ताव है कि विदेशी कंपनियों को कृषि-भूमि खरीदने की अनुमति दी जाए ताकि शहरीकरण की प्रक्रिया में विदेशी निवेश हो और विकास रफ्तार पकड़ सके। मंत्रालय की दलील है कि शहरी आवास परियोजनाओं के लिए पहले से ही कृषि-भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, इसलिए विदेशी कंपनियों को भी इस उद््देश्य के लिए कृषि-भूमि खरीदने की अनुमति देने में कोई हर्ज नहीं है।...

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अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में भारत पीछे: रिपोर्ट

अमेरिका की एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैज्ञानिक अनुसंधान और वैश्विक विकास के क्षेत्र में अमेरिका और चीन से काफी पीछे है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका इस मामले में भारत से काफी आगे है तो चीन में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में खर्च में सबसे तेजी से इजाफा हो रहा है। वैश्विक तौर पर अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में वर्ष 2011 में कुल प्रदर्शन (खर्च के रूप में...

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क्योंकि हर चमक चांदनी नहीं होती- भरत झुनझुनवाला

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया है कि इस वर्ष विश्व अर्थव्यवस्था चल निकलेगी। इस उम्मीद के पीछे सबसे बड़ी वजह अमेरिका की सुधरती स्थिति है। पिछले कुछ महीनों में वहां बेरोजगारी घटी है, शेयर बाजार चढ़ा है और विकास दर बेहतर हुई है। ये संकेत वास्तविक हैं, लेकिन इनके टिकाऊ होने में मुझे संदेह है। विषय को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए, एक कंपनी घाटे...

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