चंडीगढ़ [भारत डोगरा]। आज से चार-पांच दशक पहले हरित क्रांति के नाम पर भारतीय कृषि में बड़े बदलाव हुए तो इनका सबसे बड़ा केंद्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपजाऊ पट्टी को बताया गया, जहां पानी की भी कोई कमी नहीं थी। इस क्षेत्र को भारत के खाद्यान्न कटोरे के रूप में विकसित करने पर बहुत निवेश हुआ और सिंचाई, रासायनिक खाद आदि व इनसे जुड़ी सब्सिडी का अधिकांश खर्च...
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सामुदायिक सिंचाई से सपने लहलहाए
कुचायकोट [गोपालगंज, मनोज राय]। सवनहीं जगदीश गांव के कन्हैया सिंह, वीरेन्द्र सिंह, दुखी सिंह, महावीर सिंह और मंगल सिंह, ये पांच किसान हैं, जिन्होंने वर्ष 2001 में सामुदायिक सिंचाई की छोटी-सी पहल की थी। दस बरस में यह प्रयास कुछ यूं रंग लाया कि सामुदायिक सिंचाई अब कृषि विकास का 'माडल' बन चुका है। पैदावार भी अच्छी होने लगी और मानसून पर से निर्भरता भी घटी। सिंचाई व्यवस्था की इस...
More »साल के अंत तक कम होगी खाद्य मुद्रास्फीति
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति चालू वर्ष की दूसरी छमाही में कम होगी। आर्थिक वृद्धि के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद की दर 11वीं पंचवर्षीय योजना 2007-12 के दौरान 9.0 फीसदी के लक्ष्य के मुकाबले 8.1 फीसदी रहेगी। मनमोहन सिंह ने राज्यों से खेतीबाड़ी पर ज्यादा ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि महंगाई की मार...
More »अब अधिक धन प्राप्त कर रहे हैं किसान
नई दिल्ली। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि गेहूं और धान के खरीद मूल्य में वृद्धि के बाद किसानों के हाथ में अब अधिक पैसा पहुंच रहा है। पवार ने कहा कि हमें लोगों को बताना है कि किसानों के हाथ में अधिक पैसा जा रहा हैं। गेहूं के खरीद मूल्य को 500 रुपये से बढाकर 1100 रुपये और धान के खरीद मूल्य को 490 रुपये से बढ़ाकर 1000...
More »एनएसी में खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा
नई दिल्ली। संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने यहां खाद्य सुरक्षा विधेयक को अंतिम रूप देने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। सरकार के इस महात्वाकांक्षी विधेयक के तहत खाद्यान्न के ऐसे आवंटन पर चर्चा हुई जिससे कि अत्यंत गरीब और वंचित तबके के लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाया जा सके। परिषद की अगली बैठक 14 जुलाई को करने का फैसला किया गया। बैठक के बाद...
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