फ्रांस के समाजशास्त्री अलेक्सी डे टॉक्विले और ब्रिटेन के राजनीतिक दार्शनिक जॉन स्टुअर्ट मिल, दोनों ने 25 साल के अंतराल में लोकतंत्र के दो नए खतरों के प्रति आगाह किया था। पहले का मानना था कि इसमें बहुमत के आतंक के शिकार व्यक्ति के पास बचने का कोई चारा नहीं होता। दूसरे ने इस भय की ओर इंगित किया था कि प्रजातंत्र मात्र एक शासन पद्धति न होकर असंगठित भीड़ की...
More »SEARCH RESULT
‘रोनू’ ने मचायी आंध्र में तबाही, अगली बारी किसकी
नेलोर (आंध्र प्रदेश) / भुवनेश्वर : गहरे दवाब का क्षेत्र बनने से आये तेज चक्रवाती तूफान ‘रोनू' की वजह से आंध्र प्रदेश के नेलोर जिले में काफी जान माल की क्षति हुई है. जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे टूट कर गिर गये हैं. भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से बहुत नुकसान हुआ है. तेज हवाओं ने जहां पेड़ को जड़ से उखाड़ दिया है वहीं शहर...
More »खाद्यान्न-उत्पादन : सूखे की मार के बीच क्या कहता है कृषि मंत्रालय का नया आकलन
कृषि मंत्रालय के एक हालिया पुर्वानुमान में कहा गया है कि मौजूदा फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन कमोबेश पिछले साल जितना बना रहेगा.(देखें नीचे की लिंक) गौरतलब है कि बीते मार्च महीने में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से दस राज्यों में हुए फसलों के नुकसान और जारी सूखे बीच आशंका जतायी जाती रही है कि चालू फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन में कमी आयेगी. 2014-15 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 252.02 मिलियन टन था...
More »सूखे की मार, हम जिम्मेवार--- भरत झुनझुनवाला
देश के कई हिस्से सूखे की चपेट में हैं. भूमिगत जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. आलम यह है कि समर्थवान अंगूर व मिर्च की खेती कर रहे हैं, जबकि सामान्य किसान पीने के पानी को भी तरस रहे हैं. साठ के दशक में हरित क्रांति के साथ-साथ देश में ट्यूबवेल से सिंचाई का विस्तार हुआ. गंगा के मैदानी इलाके में पहले भूमिगत जल-स्तर बरसात में 5-6 फुट और...
More »किसानों की 500 बीघा जमीन जोतेगी सरकार...
इंदौर। निनोरा का विचार महाकुंभ भले ही समाप्त हो गया, लेकिन सरकार का काम अभी खत्म नहीं हुआ। महाकुंभ की तैयारी के लिए प्रशासन को जितनी तैयारी करनी पड़ी, लगभग उतना ही समय उस जमीन को ठीक करने में देना होगा। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फरमान के बाद अब किसानों की जमीन मूल स्वरूप में उन्हें लौटाई जाएगी। यहां 60 किसानों की 500 बीघा जमीन को समतल कर दिया...
More »