पिछले कुछ सालों में मध्यप्रदेष समेत देष भर में पानी का संकट बढ़ा है। यह समस्या प्रकृति से ज्यादा मानव-निर्मित है। वर्षा की कमी के साथ, वनों की अवैध कटाई, पुराने तालाबों पर अतिक्रमण, गाद भरने से सरोवरों की भंडारण क्षमता में कमी, पानी की फिजूलखर्ची, नदी, जलाषयों का पानी औद्योगिक इकाईयों को देने व षहरों के प्रदूषित पानी को नदियों के प्रदूषण और भूजल को बेतहाषा दोहन से समस्या...
More »SEARCH RESULT
'ईको टॉयलेट तकनीक डीआरडीओ से बेहतर
ट्रेनों में डीआरडीओ द्वारा तैयार बायो टॉयलेट्स लगाने की योजना के बीच पुणे के एक प्रोफेसर ने दावा किया है कि उनके द्वारा तैयार ग्रीन टॉयलेट्स का प्रोजेक्ट ज्यादा बेहतर और कारगर है और इससे पैसों की कमी से जूझ रहे रेलवे को काफी फायदा होगा। सिन्हागढ़ डेंटल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख राजीव सक्सेना के मुताबिक नई तकनीक के ये टॉयलेट्स उन्होंने और उनके छात्रों की टीम ने तैयार...
More »मुंगेर की इस महिला ने मुंबई में बजा डाला बिहार का डंका
मुंगेर.मुम्बई के सांताक्रूज स्थित हयात ग्रांड होटल में विगत शनिवार को बिहार के मुंगेर जिले के धरहरा की की जया देवी को जब वॉलीवुड की डीमगर्ल हेमा मालिनी ने 'ग्रीन वूमेन' ट्रॉफी देकर सम्मानित किया तो उसकी आंखें ख़ुशी से डबडबा गयीं। यह ट्रॉफी जाया को सीएनएन-आईबीएन चैनल की ओर से प्रदान की गयी। गौरतलब है कि चैनल हर साल सामाजिक क्षेत्र में विशेष कार्यों के लिए खास लोगों को सम्मानित करता...
More »अवैध खनन का ‘राज’स्थान- शिरीष खरे(तहलका) की रिपोर्ट
पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय के सामने राजस्थान सरकार ने दावा किया था कि अरावली की पहाड़ियों में खनन पूरी तरह बंद है. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी के मुहाने पर बसे सीकर जिले की तस्वीर ही इस दावे की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है. शिरीष खरे की रिपोर्ट राजस्थान की राजधानी जयपुर को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-8 के साथ ऊंट के आकार-सी उठती-बैठती अरावली पर्वत श्रृंखला...
More »खेती की उपेक्षा और खाद्य सुरक्षा- भारत डोगरा
जनसत्ता 21 मार्च, 2012: लोकसभा में पिछले वर्ष प्रस्तुत किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से कोई सहमत हो या असहमत, पर इसके महत्त्च से इनकार नहीं किया जा सकता। मौजूदा रूप या इससे काफी मिलते-जुलते रूप में यह विधेयक पारित हो गया तो आने वाले अनेक वर्षों तक इसका हमारी खाद्य और कृषि व्यवस्था पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा। इसलिए इस विधेयक से संबंधित जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे...
More »