आज से करीब 90 साल पहले, 20 मार्च, 1927 को डॉ. आंबेडकर ने महाड़ के चावदार तालाब से दो घूंट पानी पीकर ब्राह्मणवाद के हजारों वर्षों के कानून को तोड़ा था और ब्राह्मणवाद को चुनौती दी थी. वहीं, 6 अप्रैल, 1930 को गांधी ने नमक हाथ में लेकर अंग्रेजों के कानून को तोड़ा और ब्रिटिश सत्ता को चुनौती दी. दोनों इतिहास की बड़ी घटनाएं हैं और दोनों का असर वर्तमान...
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चुनाव के मौसम में ताजा हो उठा उत्तर प्रदेश की समूची गन्ना पट्टी के किसानों का दर्द
बागपत/कैराना: समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने से लदे ट्रक मिलों में जाने की बाट जोह रहे हैं. हालांकि ट्रकों में लदे ये मीठे रसीले गन्ने बकाया भुगतान नहीं होने और कम कीमत अदायगी की मार से परेशान गन्ना किसानों की कड़वी कहानी बयां करते हैं. देश के चीनी के कटोरे के नाम से मशहूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह समूचा इलाका चुनाव प्रचार के इस मौसम में पोस्टरों, झंडों, रैलियों...
More »‘चौकीदार’ रघुबर दास के झारखंड में 10,000 चौकीदारों को चार महीने से नहीं मिला वेतन
रांची: एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा मैं भी चौकीदार अभियान में जुटी हुई है और पार्टी नेता अपने ट्विटर प्रोफाइल में चौकीदार शब्द जोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ झारखंड सरकार के 10,000 वास्तविक चौकीदारों को सैलरी न मिलने की वजह से घोर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार महीनों से 24 जिलों के इन चौकीदारों को उनके वेतन...
More »निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कवरेज भी घटा !
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बजट-आबंटन अंतरिम बजट (2019-20) में घट गया है. एक तथ्य यह भी है कि फसल बीमा योजना पिछले दो सालों से अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रही है. बजट-आबंटन घटने की एक वजह यह भी हो सकती है. साल 2017-18 की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्थिति बताने वाले दस्तावेज में कहा गया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(पीएमएफबीवाय) की कवरेज सकल फसलित क्षेत्र...
More »स्वच्छ चुनाव के विभिन्न आयाम- अजीत रानाडे
हाल में सुप्रीम कोर्ट ने वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें ‘अपराधी' उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी थी. याचिकाकर्ता का तात्पर्य ऐसे उम्मीदवारों से था, जिन पर हत्या, हत्या की कोशिश, भयादोहन, बलात्कार, अपहरण या गबन के अभियोग लगे हैं, पर अभी उन्हें उक्त अपराध में दोषसिद्ध करार न दिया गया हो. चूंकि न्यायिक प्रक्रिया दशकों लंबी खिंच सकती है और जब तक...
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