वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटी बिल) एक राष्ट्रीय मूल्यवद्र्धित कर प्रणाली प्रस्तावित करता है। वैसे तो इसे जून 2016 तक कानून का रूप ले लेना चाहिए था, लेकिन सत्तापक्ष-विपक्ष में टकराव की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। अब लगता है कि जल्द ही यह कानून बन जाएगा। बुधवार को यह बिल सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच लंबी चर्चा के जरिए बनी सहमति के बाद राज्यसभा में पारित हो...
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शिक्षा भी, मजदूरी भी-- कृष्ण कुमार
कहते हैं, शब्दों की अपनी दुनिया होती है। कवि और कहानीकार शब्दों के जरिए हमें किसी और दुनिया में ले जाते हैं। फिर कानून रचने वाले क्यों पीछे रहें? नए बाल मजदूरी कानून का प्रयास कुछ ऐसा ही है। यह कानून कहता है कि छह से चौदह वर्ष के बच्चे स्कूल से घर लौट कर किसी ‘पारिवारिक उद्यम' में हाथ बंटाएं तो इसे मजदूरी नहीं माना जाएगा। इस सुघड़ तर्क...
More »दमन का दंश-- मुकेश भारद्वाज
नवउदारवाद के निजामों ने पिछले ढाई दशकों के दौरान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उदारवादी मूल्यों को चुनौती दी। बाजार के हाहाकार में सामंती मूल्यों को ही स्थापित करने की कोशिश की गई। स्त्रियों, दलितों सहित अन्य दमित वर्गों को समझाया गया कि बाजार सारी गैरबराबरी मिटा देगा। गुजरात का विकास मॉडल अभी बाजार में भुनाया ही जा रहा था कि कलक्टर साहब के दफ्तर के आगे और सड़कों पर...
More »एक एकड़ तक जमीन वाले ही भूमिहीन की श्रेणी में
पटना : राज्य में अब एक एकड़ जमीन तक वाले ही भूमिहीन की श्रेणी में आयेंगे. मॉनसून सत्र के पहले दिन शुक्रवार को बिहार विधानसभा में भूमिहीन व सीलिंग विवाद को लेकर संशोधन विधेयकों की प्रतियां पेश की गयीं. बिहार भूदान यज्ञ (संशोधन) विधेयक, 2016 के प्रावधान के अनुसार अधिनियम 1954 की धारा में निर्धारित भूमिहीन की परिभाषा बदल जायेगी. पुराने अधिनियम के अनुसार पांच एकड़ तक के जमीन वालों...
More »नेताओं और अफसरों ने भी सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर खरीदी जमीन
रांची : सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदने में राज्य के नेता और अफसर भी शामिल हैं. राज्य के करीब सभी राजनीतिक दलों से संबद्ध नेताओं और सरकार के वरीय अफसरों ने रांची जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी जमीन खरीदी है. कई नेताओं व अफसरों ने अपने नाम पर भूमि की खरीद की है, तो कई ने रिश्तेदारों के नाम पर. नेताओं व अफसरों...
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