नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद कल राष्ट्रीय जल नीति-2012 के मसौदे को स्वीकार कर सकती है. यह नीति जल के संदर्भ में एक व्यापक राष्ट्रव्यापी कानूनी संरचना विकसित करने पर जोर देती है. इस मसौदे की घोषणा सरकार ने इस साल जनवरी माह में की थी. राष्ट्रीय जल बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर दो बार इसमें संशोधन भी किए गए. कल प्रधानमंत्री की अध्यक्षता...
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विकास की मरीचिका- शिवदयाल
जनसत्ता 12 दिसंबर, 2012: व्यापार और युद्ध-अभियान- सभ्यताओं के बीच संपर्क के यही दो प्रमुख माध्यम रहे हैं। यों, आप्रवास को भी एक माध्यम गिना जा सकता है, सबसे आदि कारण, जिसमें एक स्थान पर बसने वाला आदि मनुष्य-समूह भोजन या संसाधनों की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान पर विचरता था, लेकिन इसकी परिणति भी अंतत: युद्धों और समझौतों में ही होती थी। बाद में सभ्यता के विकास के साथ...
More »देश में सिर्फ 53 राजनैतिक दल ही मान्यता प्राप्त
नयी दिल्ली : सरकार ने आज बताया कि देश में अभी 1,426 पंजीकृत राजनैतिक दल हैं जिनमें से 53 दल ही मान्यता प्राप्त हैं. लोकसभा में सैयद शाहनवाज हुसैन के प्रश्न के लिखित उत्तर में विधि एवं न्याय मंत्री डॉ अश्विनी कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने सूचित किया है कि 29 नवंबर 2012 को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29क के तहत आयोग से पंजीकृत 1,426 राजनैतिक दल हैं. उन्होंने...
More »मंत्रियों के गांवों में स्वास्थ्य सेवा लचर
राज्य सरकार के दो मंत्रियों गृह क्षेत्र के अस्पतालों की हालत खस्ता है. यहां चिकित्सक, कर्मचारी व संसाधनों का घोर अभाव है. सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सकों की कमी है. मरीजों को आवश्यक दवा भी बाजार से खरीदनी पड़ती है. भवनों की हालत पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण बनी हुई है. बेड का भी अभाव है. सफाई व्यवस्था की हालत भी दयनीय है. चिकित्साकर्मियों को आवास की भी सुविधा नहीं है. ।।ठाकुर संग्राम...
More »गुजरात के विकास का सच
जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...
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