-सत्याग्रह, भारत में बीते दो महीने से लगातार कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन बीते एक हफ्ते में ये बहुत तेजी से बढ़े हैं. पिछले मंगलवार को कोरोना वायरस के मामलों और मौतों की संख्या में एक दिन के दौरान सबसे बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में इसके 3900 नए संक्रमण दर्ज हुए और कुल 195 लोगों की मौत हो गई. देश...
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विश्लेषण: पूरे भारत में लॉकडाउन से कितना काबू आया कोरोनावायरस?
-डाउन टू अर्थ, भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है, जिसने 42 दिन के लॉकडाउन का सामना किया। लगभग 130 करोड़ लोग कोरोनावायरस से होने वाली बीमारी (कोविड-19) को फैलने से रोकने के लिए अपने घरों में बंद रहे। दो चरणों का लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकारी अधिकारियों ने दावा किया कि इन लॉकडाउन से कई फायदे हुए हैं। इनमें से एक बड़ा फायदा यह हुआ कि भारत ने कोरोनावायरस के...
More »क्या दिहाड़ी मज़दूरों को बायोमिट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से धोखा दिया गया है?
-न्यूजक्लिक, पिछले कुछ हफ़्तों में, दैनिक वेतन भोगियों की स्थिति विशेष रूप से निराशाजनक रही है। रोड स्कॉलर्ज़ ने छह राज्यों (छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश) के ग्रामीण इलाकों में 100 से अधिक लोगों से टेलीफोन के माध्यम से दो चरणों (26-31 मार्च और 4-7 अप्रैल) का सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में पता चला कि ज्यादातर लोग इस बात से वाकिफ हैं कि कोविड-19 के...
More »कोविड-19 संक्रमण की आपराधिक जवाबदेही तबलीग़ी जमात के माथे ही क्यों है?
-द वायर, कोविड-19 के बाद दुनिया पहली जैसी नहीं रहेगी. ऐसे में जबकि अपने अत्याधुनिक स्वास्थ्य ढांचे के बावजूद पश्चिम के विकसित देशों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है. यह जाहिर है कि मानवता को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति से निपटने के नए तरीकों की खोज करनी होगी. ख़ासतौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका को इस बात का एहसास जरूर हो रहा होगा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध पर इसके द्वारा...
More »महामारी के बाद निवेश का पहिया, राजस्व की चरखी और रोजगारों की मशीन कैसे चलेगी
-इंडिया टूडे, ताली-थाली और दीया-मोमबत्ती से होते हुए कोविड लॉकडाउन का तीसरा सप्ताह आने तक केंद्र सरकार थकने-सी लगी थी. यही मौका था जब भारतीय संविधानसभा की वह जद्दोजेहद कारगर नजर आने लगी, जिसके तहत राज्यों को पर्याप्त शक्तियों से लैस किया गया था. आजादी के बाद सबसे बडे़ संकट में भारत के राज्य अमेरिका की तरह वहां के राष्ट्रपति का सिरदर्द नहीं बने थे बल्कि संघीय ढांचे की ताकत के...
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