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बारिश से लीची की फसल में जान आयी, किसानों की आशाएं बढी

पटना: बिहार में हाल में हुई बारिश से लीची की फसल में जान आ गयी है. इसके साथ ही लीची के बेहतर फसल उत्पादन और देश के अन्य भागों में इसका सामान्य रुप से वितरण को लेकर इस प्रदेश के किसान आशान्वित हैं. ?बिहार में इस फल का उत्पादन करीब 255 टन है, जो कि देश में कुल उत्पादित 575 टन लीची का 45 प्रतिशत है. देश में काश्तकारी के लिए उपलब्ध...

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नवजात के लिए तरल सोना है दिव्या मदर मिल्क बैंक का दूध- पंचायतनामा डेस्क

उत्तर भारत का पहला मानव दूध बैंक राजस्थान के उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सरकारी अस्पताल पन्नाधाई राजकीय महिला चिकित्सालय में चल रहा है. इस दूध बैंक की शुरुआत अप्रैल 2013 में की गयी. यहां आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित एक छोटे से क्लिनिक में मानव स्तन के दूध का बैंक प्रारंभ किया गया है. इसे विशेषज्ञ तरल सोना कहते हैं. यह बैंक आसपास की महिलाओं का एचआइवी और हेपटॉइटिस जैसे कुछ...

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कहानी कुछ जैविक ग्रामों की- अमृतांज इंदीवर

अंधाधुंध पेस्टीसाइड्स व फर्टिलाइजर के उपयोग से मिट्टी, पानी व हवा ऊसर होते जा रही है। जहां किसान पहले खेतों में नाइट्रोजन की मात्रा 3-5 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से देते थे, वहीं आज 10-20 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से दिया जा रहा है। इसकी वजह से धरती पर ग्रीन हाउस बन रहा है और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे बढ़ रहे हैं। यह परिस्थितिकीय चक्र को प्रभावित कर रहा है। परिणामस्वरूप खेत बंजर हो रहे हैं,...

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भुखमरी : भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश से पीछे

भुखमरी दूर करने के मामले में भारत अपने पड़ोसी देशों से भी पीछे है और बीते दो दशकों में भुखमरी से लड़ाई के मोर्चे पर आगे बढ़ने के बावजूद इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना शेष है। विश्व खाद्य दिवस(16 अक्तूबर) से दो दिन पहले प्रकाशित ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2013 नामक रिपोर्ट(देखें नीचे दी गई लिंक)में भोजन की कमी से जूझ रही भारतीय आबादी के बारे में कई महत्वपूर्ण...

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भूख के खिलाफ जंग में अब भी पीछे भारत- अरविन्द मोहन

कायदे से जिस साल भारत में खाद्य सुरक्षा कानून बना है और भोजन के हक पर व्यापक चर्चा हुई, उसमें तो संयुक्त राष्ट्र  के संगठन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) द्वारा जारी नये हंगर इनडेक्स की भी खूब चर्चा होनी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं हुआ. कुछेक अखबारों में थोड़ी विस्तृत और बाकी में हल्के-फुल्के ढंग से खबर छप कर बात समाप्त हो गयी. कुछ लोग इस बात से संतुष्ट दिखे कि...

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