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नए संकट ज्यादा गंभीर हैं -- हिमांशु

पिछले साल की आखिरी शाम को दिया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश उन ऊंचाइयों तक पहुंचने में नाकाम रहा, जिसका प्रचार किया गया था। लोग बीते 50 दिनों से कठिनाइयों का डटकर सामना कर रहे थे। इन दिनों वे कतारों में लगे रहे और अपनी खरीदारी भी कम की। मुश्किलों से राहत मिलने की उम्मीद वे मोदी के भाषण से लगा रहे थे। उन्हें यह भी...

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छोटे उद्योगों पर प्रहार --- डॉ भरत झुनझुनवाला

सरकार ने नोटबंदी को कालेधन के सफाये के अस्त्र के रूप में पेश किया है, परंतु लगभग पूरा कालाधन बैंकों में जमा होकर ‘सफेद' हो गया है. न सिर्फ कालेधन को नष्ट करने का उद्देश्य पूरी तरह असफल रहा है, बल्कि कालाधन पुनः नये नोटों में पैदा हो चुका है. करोड़ों रुपये के नये नोट जब्त हो रहे हैं. नोटबंदी का असल प्रहार छोटे उद्योगों पर हुआ है. तमाम उद्योग...

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कालेधन पर मोदी का बम-- अनुपम त्रिवेदी

कालेधन पर किये गये वादों को लेकर किरकिरी झेल रही मोदी सरकार ने 8-9 नवंबर की रात ऐसी ‘सर्जिकल स्ट्राइक' की, कि पूरा देश हतप्रभ रह गया. एक झटके में सरकार ने कालेधन, भ्रष्टाचार, जाली नोट और आतंकवाद को जबरदस्त चोट पहुंचायी. सरकार के इस कदम की हर ओर तारीफ हो रही है. हालांकि विरोध करनेवाले भी कम नहीं है. पर हतप्रभ सभी हैं. सोच रहे हैं कि सरकार...

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जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह

ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...

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IMF के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, भारत उम्मीद की किरण, पर एनपीए चुनौती

नयी दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के मुख्य अर्थशास्त्री मौरिस ऑब्स्टफेल्ड ने आज आर्थिक ताकतों के जटिल जोड़ के बीच भारत को एक उम्मीद की किरण बताया. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रगति के बावजूद सरकारी बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) चुनौती है. मौरिस ने बु्रकिंग्स इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘आर्थिक ताकतों का जटिल जोड लगातार सुस्त आर्थिक वृद्धि के परिदृश्य को आकार दे...

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