झाबुआ, मध्यप्रदेश: कुपोषण ने दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को निगला है- यह हाल आदिवासी जिले झाबुआ का है, जहां मेघनगर ब्लाक के अगासिया और मदारानी गांवों में बच्चों की मौत का सिलसिला है कि टूटता ही नहीं। फिलहाल पूरा मध्यप्रदेश ही इतना भूखा है कि यहां न जाने क्यों भूख का नामोनिशान है कि मिटता ही नहीं ?केवल अक्टूबर में ही झाबुआ के इन 2 गांवों से 25 बच्चों...
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किसान और आत्महत्या
खास बात • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 1996 में 15.6% , साल 2002 में 16.3% साल 2006 में 14.4% , साल 2009 में 13.7% तथा साल 2010 में 11.9% तथा साल 2011 में 10.3% रहा है। # • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 2014 में 9.4%,साल 2015 में 9.43%, साल 2016 में 8.7%, साल 2017 में 8.2%, साल 2018 में 7.69% रहा है। • 2018...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
More »खेतिहर संकट
खास बात · घाटे का सौदा जानकर तकरीबन २७ फीसदी किसान खेती करना नापसंद करते हैं। कुल किसानों में ४० फीसदी का मानना है कि विकल्प हो तो वे खेती छोड़कर कोई और धंधा करना पसंद करेंगे। # पिछले चार दशकों में भूस्वामित्व की ईकाइ का आकार ६० फीसदी घटा है। साल १९६०-६१ में भूस्वामित्व की ईकाइ का औसत आकार २.३ हेक्टेयर था जो साल २००२-०३ में घटकर १.०६ हेक्टेयर रह गया।" · पंजाब...
More »नरेगा और सोशल ऑडिट
खास बात • मनरेगा में वित्तवर्ष 2015-16 में 235.6 करोड़ व्यक्ति-दिवसों के बराबर रोजगार का सृजन हुआ है. यह पिछले पांच सालों में अधिकतम है. • वित्तवर्ष 2015-16 में कुल 5.35 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत रोजगार की मांग की लेकिन केवल 4.82 करोड़ परिवारों को ही रोजगार दिया जा सका यानी 9.9 फीसद परिवारों को मांग के बावजूद रोजगार नहीं हासिल हुआ. • वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में प्रति परिवार औसतन 49 व्यक्ति दिवसों के बराबर...
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