अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »मुसीबत में हैं बुनकर, बचा लीजिए साहब
भागलपुर। साहब! यहां के बुनकर मुसीबत में हैं। उन्हें बचा लीजिए। काम नहीं मिलने के कारण कुछ बुनकर पलायन कर गए हैं। करीब 40 वर्षों से बिजली संकट झेल रहे हैं। यह आपबीती बुनकरों की है। जो उनके द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुनाई गई। रविवार को नाथनगर स्थित सीटीएस कर्णगढ़ के सभागार में आयोजित बुनकर पंचायत में बुनकरों ने एक-एक कर अपनी व्यथा सूबे के मुखिया को सुनाई। इरशाद अंसारी ने भावनात्मक...
More »किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा
भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...
More »महाजनों और बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों के खिलाफ अनाज बैंक
आंध्र प्रदेश का एक छोटा सा गांव अब पूरे देश को रास्ता दिखा रहा है। खास बात यह है कि यह ३४ महिला किसानों की एक पहल है। इन किसानों ने एक अनाज बैंक बनाया है, जो अपने-आप में एक अनूठा उदाहरण है। यह पहल यह साबित करती है कि अगर परंपरागत ज्ञान को ठीक से प्रोत्साहित किया जाए, तो उससे गरीब लोगों की आजीविका के लिए टिकाऊ ज़रिए विकसित...
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