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समर्थन मूल्य से 800 रुपये तक नीचे भाव पर अरहर बेचने को मजबूर हैं किसान

केंद्र सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है लेकिन अरहर किसान अपनी फसल मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 700-800 रुपये नीचे भाव पर बेचने को मजबूर हैं। हालांकि उपभोक्ताओं को अरहर दाल अभी भी 80 से 100 रुपये प्रति किलो के दाम पर ही खरीदनी पड़ रही है। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर एस नादर ने बताया कि...

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बीमार इकोनॉमी को नहीं मिली दवा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिरती इकोनॉमी रफ्तार, बढ़ती बेरोजगारी के साए में 2020-21 का बजट पेश किया और दावा यह है कि यह बजट न केवल इकोनॉमी को बूस्ट देगा बल्कि “यह आकांक्षी भारत, मजबूत अर्थव्यवस्था और हितैषी समाज” के लक्ष्यों पर खरा उतरेगा। वित्त मंत्री के दावे और हकीकत में कितना फासला है, आउटलुक ने देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों से एक पैनल चर्चा के जरिए बजट पर उनकी...

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धरती कथा: डायरेक्ट की इनडायरेक्ट मुश्किलें

-आउटलुक हिंदी   “खाद्य महंगाई दर दहाई अंकों में चली गई है। उपभोक्ता हित के लिए घरेलू किसानों की कीमत पर सस्ते आयात का रास्ता फिर खोला जा सकता है” डायरेक्ट यानी प्रत्यक्ष का रास्ता कई इनडायरेक्ट यानी अप्रत्यक्ष दिक्कतें लेकर आता है। यह बात कृषि क्षेत्र और किसानों के मामले में काफी हद तक लागू होती है। मसलन, सरकार को पता है कि दूध, गन्ना, आलू और प्याज जैसी फसल उगाने वाले...

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दशक पर एक नजर: कृषि संकट के लिए किया जाएगा याद

2010 में जब भारत ने सदी के दूसरे दशक में प्रवेश किया था, तब उसके सामने 2008 में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी की बड़ी चुनौती थी। लेकिन उपभोग वस्तुओं की मांग लगातार बने रहने के कारण इस मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। खासकर ग्रामीणों ने इस दौरान अपने खर्च में कमी नहीं की और वे लगातार अपनी जरूरत की चीजें खरीदते रहे, जबकि वे लगभग पूरी तरह...

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डेयरी किसानों के लिए यह महंगाई अच्छी है

“देश के अधिकांश हिस्से में गोरक्षा की नीति नुकसानदेह रही, क्योंकि किसानों के लिए दूध नहीं देने वाले गोवंश को संभालना मुश्किल हो गया है”   सरकारें और नीति-निर्माता जनता की वाहवाही लूटने और अपने राजनैतिक हित साधने के लिए कुछ ऐसे फैसले करते हैं, जो दूसरों पर भारी पड़ते हैं, लेकिन वे खुद इसका कोई बोझ नहीं उठाना चाहते। ऐसा ही मामला दूध की कीमतों से जुड़ा हुआ है। पिछले दिनों...

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