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क्या हमें पता है कि बीते दो महीनों में हमारे यहां सांपों के काटने से 20 हजार लोग मर चुके हैं

-सत्याग्रह, कुछ बीमारियां तो मौसमी हैं जो खास समय और जलवायु में फैलती हैं. और कुछ कोविड-19 की तरह अचानक ही हमारे सामने आ जाती हैं. लेकिन क्या तमाम मौसमी बीमारियों और कोरोना महामारी के बीच किसी को इस बात की भी सुध है कि बीते दो महीनों में 20 हज़ार से ज्यादा लोग ‘सर्पदंश’ के शिकार होकर हमारे बीच नहीं हैं. पिछले पखवाड़े राजस्थान के बूंदी ज़िले की बालचंदपाड़ा तहसील में...

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बेदम होती स्वास्थ्य व्यवस्था : कोविड-19 संकट में तपेदिक के सबक

-कारवां, {1} दिसंबर 2019 में डॉ. आनंदे वुहान से आने वाली खबरों पर व्याकुलता के साथ नजरें जमाए हुए थे. चीन के शहरों में सार्स जैसा एक रहस्यमय वायरस फैल रहा था. उस समय अपने डॉक्टर मित्रों के साथ होने वाली चर्चा को याद करते हुए आनंदे ने मुझे बताया, “मैंने सुना कि वह वायुजनित बीमारी थी. हम सुन रहे थे कि रोगियों में खांसी, बुखार आदि जैसे ही लक्षण हैं.” आनंदे की...

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उत्तराखंड: बिगड़ते मौसम, स्मार्टफोन की कमी और खराब इंटरनेट से पहाड़ के बच्चे नहीं कर पा रहे पढ़ाई

-गांव कनेक्शन, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 175 किलोमीटर दूर टिहरी गढ़वाल जिले के प्रतापनगर ब्लॉक के सरकारी प्राथमिक स्कूलों और जूनियर हाई स्कूलों में लगभग 6500 छात्र प्रारंभिक शिक्षा ले रहे हैं। कोरोना महामारी के दौर में देशभर के स्कूल ऑनलाइन शिफ्ट हो गए हैं। लेकिन, हिमालयी राज्य के इस ब्लॉक में केवल 38 प्रतिशत छात्र ही ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं, जबकि 60 प्रतिशत से अधिक छात्र...

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असम : एनआरसी से बाहर रह गए लोग झूल रहे हैं अनिश्चितता में

-सत्यहिंदी, असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची, 2019 से जिनके नामों को बाहर रखा गया, ऐसे 19.06 लाख आवेदकों की नागरिकता की स्थिति एक साल गुजर जाने के बाद भी अधर में लटकी हुई है। सूची से बाहर किए गए लोगों को अस्वीकृति पर्ची जारी करने की प्रक्रिया को कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण स्थगित कर दिया गया था।  जिन 19 लाख लोगों को एनआरसी से बाहर रखा...

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‘मोदी ने अर्थव्यवस्था को जर्जर किया’ - जीडीपी पर क्या बोले विदेशी अख़बार

-बीबीसी, केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने सोमवार को जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिए, जिसमें यह नकारात्मक रूप से 23.9 फ़ीसदी रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था में इसे 1996 के बाद ऐतिहासिक गिरावट माना गया है और इसका प्रमुख कारण कोरोना वायरस और उसके कारण लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन को बताया जा रहा है. दुनिया में एक समय सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था रहे भारत के इस नए जीडीपी आंकड़े से जुड़ी ख़बरों और लेख...

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