-डाउन टू अर्थ धान की सरकारी खरीद का मौसम आधे से अधिक बीत चुका है, मगर अभी तक बिहार के सिर्फ 45 हजार किसान अपनी धान की फसल को सरकार को बेचने में सफल हो पाये हैं। सिर्फ इन्हें ही सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 1835 रुपये का लाभ मिल सका है। शेष बचे ज्यादातर किसानों को अपनी खरीफ की पैदावार को बहुत कम कीमत में स्थानीय कारोबारियों को बेचने को...
More »SEARCH RESULT
कपास की सरकारी खरीद 261 फीसदी बढ़ी लेकिन भाव फिर भी समर्थन मूल्य से नीचे
चालू सीजन में कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद तो 261.30 फीसदी बढ़कर 38.66 लाख गांठ की हो चुकी है लेकिन उत्पादक मंडियों में कपास के दाम 5,200 से 5,400 रुपये प्रति क्विंटल ही हैं जबकि केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए लॉन्ग स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। कॉटन कार्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी...
More »...तो इस साल दालें फिर होंगी महंगी !
खराब मानसून इस बार दालों की पैदावार पर भारी पड़ेगा. अनियमित बरसात, पाले और ओलों ने दालों की फसल को नुक्सान पहुंचाया है. इस वजह से देश में 2019-20 के लिए तय किए गए दालों की पैदावार के लक्ष्य को धक्का पहुंचा है. इंडियन पल्सेस ऐंड ग्रेन एसोसिएशन (IPGA) की हाल ही में जारी रिपोर्ट के मुताबिक ''इस बार भारत सरकार ने 26.30 मिलियन टन (MT) दालों की पैदावार का...
More »अरहर किसानों को नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य, दालों का आयात 47 फीसदी बढ़ा
आयात सस्ता होने के कारण किसानों को मंडियों में अरहर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 6,00 से 750 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है जबकि चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान दालों का आयात 47.12 फीसदी बढ़कर 22.51 लाख टन हो गया है। दलहन कारोबारी एस चंद्रशेखर नादर ने बताया कि सोमवार को गुलबर्गा मंडी में अरहर 5,050 से 5,200...
More »महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसान ने खेत में बोर्ड लगाया मेरे परिवार को खरीदें
बेमौसम बारिश से खराब हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलने से नाराज महाराष्ट्र के वाशिम जिले के कोलगाँव के एक किसान ने अपने खेत में बोर्ड लगाकर राज्य के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार या तो खराब हुई फसलों का मुआवजा दे, अन्यथा मेरे परिवार को खरीदें। 30 वर्षीय किसान विजय शेंडगे ने कहा कि राज्यपाल ने प्रति हेक्टेयर 8,000 रुपये की वित्तीय मदद दी थी, लेकिन यह...
More »