दुनियाभर के पर्यावरण विशेषज्ञ 2014 को अलनीनो का साल मान रहे हैं. अगर सच में यह साल अलनीनो के प्रभावों वाला होगा, तो यह भारत सहित समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बन सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल मॉनसून में कमी का अनुमान जताया है. अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज. पर्यावरण के गंभीर खतरों के बीच...
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अबकी बार केवल सरकार- शंकर अय्यर
पिछले तीन महीने में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। यह सरकार विहीन यथार्थ से विपक्ष विहीन यथार्थ की स्थिति में आ गई है। निष्क्रियता और अयोग्यता का एक चक्र पूरा हो चुका है। ऐसे में, जनादेश को इस तरह भी अभिव्यक्त किया जा सकता है-अबकि बार केवल सरकार, कोई विपक्ष नहीं! सांसद आपस में मजाक करते देखे जा रहे हैं कि एनडीए के सभी सदस्यों के बैठने...
More »'खुदरा महंगाई रह सकती है 8-10% के बीच'
मार्च 2015 तक खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी तक जाने के बजाये 8-10 फीसदी के दायरे में रह सकती है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा अल-नीनो के प्रभाव से खाद्यान्न की कीमतों के अधिक रहने से होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च में खुदरा और थोक महंगाई दर दोनों ही खाद्यान्न कीमतों में वृद्धि के कारण अधिक रही है।...
More »कृषि मंत्रालय ने रबी फसलों का क्षेत्र मार्च में बढऩे के बजाय घटाया - आर एस राणा
कमाल : जब बुवाई प्रगति पर है तो फरवरी के बाद रकबा कैसे घटेगा उलटा मंत्रालय ने मार्च में रकबा घटाकर आंकड़ों में गड़बड़ी की पुलटा या फिर फरवरी के रकबा में हुई गलती सुधारी मार्च में परिणाम खाद्यान्न का उत्पादन 26.32 करोड़ टन होने की उम्मीद धूमिल पैदावार घटने के आसार से दलहन व खाद्य तेलों में तेजी का रुख यह कमाल कृषि मंत्रालय ही कर सकता है। रबी सीजन की बुवाई प्रगति पर है। फरवरी...
More »उपज का घटता भाव- संजीव झा
एक तरफ खाद-उर्वरक के बढ़ते उपयोग के चलते कृषि पैदावार में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई, तो दूसरी तरफ तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण ने कृषि योग्य भूमि के विस्तार को सीमित कर दिया। पिछली सदी के दौरान खाद्यान्न की मांग में खासी तेजी के बावजूद खाद्यान्न की कीमत में वास्तविक अर्थों में हर वर्ष 0.7 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। खेती की उपज को लेकर देश के साथ-साथ दुनियाभर के आंकड़ों...
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