SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3863

नैनो यूरिया ट्रायल से खेत तक, भाग-एक: किसानों का क्यों हो रहा मोहभंग?

डाउन टू अर्थ, 9 मई “ वर्ष 2022, नवंबर में कुल 08 हेक्टेयर खेतों में गेहूं की फसल बुआई की थी। बुआई के करीब 20 दिन बाद प्रयोग के तौर पर 4 हेक्टेयर खेत में 500 एमएल वाली 10 नैनो तरल यूरिया की बोतल का छिड़काव  किया। खेतों में इस स्प्रे के लिए कुल 1000 रुपए की अतिरिक्त मजदूरी भी दी। जबकि 4 हेक्टेयर खेत में पहले की तरह पारंपरिक यूरिया...

More »

लोहरदगा के कुड़ू प्रखंड में मनरेगा के 18 हजार 88 जॉबकार्ड, एक साल में सिर्फ 202 लोगों को मिला 100 दिन का रोजगार

जनचौक ,9 मई  मनरेगा योजना पहले ही प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान स्थापित करती रही है, जिसके कारण मनरेगा मजदूर परेशान रहे हैं। अब केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना के बजट में की गयी भारी कटौती और उसमें किये गए तकनीकी बदलाव के चलते योजना से मजदूरों का मोहभंग हो रहा है। दरअसल ऑनलाइन मोबाइल हाजरी प्रणाली एनएमएमएस के द्वारा मज़दूरों की उपस्थिति दर्ज करने के साथ-साथ आधार आधारित भुगतान प्रणाली...

More »

राजस्थानः फैक्ट्री के प्रदूषण से फसल और लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव, प्रदूषण बोर्ड ने फैक्ट्री को दिया क्लीन चिट

मोंगाबे हिंदी, 8 मई सुभाष वैष्णव, 52, राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा कस्बे में रहते हैं। वह हर दिन सुबह 5 बजे उठते हैं और घर के रोजमर्रा के कामों को निपटा कर अपनी दुकान खोलने के लिए निकल पड़ते हैं। उनकी दुकान यहां से 20 किलोमीटर दूर, उनके पैतृक गांव रूपाहेली कला में स्थित है। चार साल पहले वैष्णव ने अपनी 30 साल पुरानी बिजली की दुकान और रूपाहेली...

More »

पश्चिम बंगाल में केंद्र व राज्य के बीच तनातनी का खामियाजा भुगत रहे मनरेगा मजदूर

डाउन टू अर्थ, 3 मई  पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बेलमा गांव की 45 वर्षीय जयगुन बीबी की ईद इस बार हमेशा की तरह अच्छी नहीं मनी। वह अपना दर्द बयां करती हैं, “हमारे गांव में जून 2022 से ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के तहत मिलने वाला काम बंद है। इस वजह से घर में अब एक पाई भी नहीं बची है। आय का इकलौता...

More »

हलमा: सामुदायिक भागीदारी से सूखे का हल निकालते झाबुआ के आदिवासी

मोंगाबे हिंदी, 02 मई मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सूखे पहाड़ गर्मी की शुरुआत में ही आग उगल रहे हैं। साढ़ गांव की बाड़ी बोदरी फलिया की एक बेहद जर्जर झोपड़ी में 12 साल की गली अपने से छोटे दो भाई-बहनों के लिए चूल्हे पर रोटी सेक रही है। गली, संता और केतन के माता-पिता दिवाली पर मजदूरी के लिए गए थे। तब से वापस नहीं लौटे हैं। पड़ोस में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close