इतिहास उलट कर देखें, तो जमीन झगड़ा-फसाद का एक बहुत बड़ा कारण रही है। जब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अस्तित्व में नहीं आई थी, और रीयल एस्टेट व छोटे प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा जमीनों की बिक्री का चोखा धंधा नहीं पनपा था, तब जमीन सांस्कृतिक वस्तु थी और परंपरा से जुड़ी थी। बड़े शहरों में काम करने और होली-दिवाली जैसे त्योहारों पर अपने पैतृक गांवों में जाने वाले असंख्य लोग अब...
More »SEARCH RESULT
भूमि अधिग्रहण का विरोध यों ही नहीं!
झारखंड में आदिवासियों की जमीन का मुआवजा बिचौलिये निगल गये. धनबाद में रिंग रोड के लिए अधिगृहीत की गयी जमीन के बदले आदिवासियों को ये पैसे दिये गये थे. 11 करोड़ 10 लाख रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है. अगर जांच आगे बढ़े, तो यह राशि और भी अधिक हो सकती है. मामला संज्ञान में आने के बाद पूरे राज्य में हड़कंप है. पूरे देश में इस वक्त...
More »भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार: वास्तविक तस्वीर- अरुण जेटली
सरकार ने 31 दिसंबर 2014 को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनरुद्धार संशोधन कानून, 2013 में उचित मुआवजे के अधिकार और पारदर्शिता के कुछ प्रावधानों में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया। आखिरकार इस कानून में संशोधन की क्या जरूरत पड़ी और इन संशोधनों के क्या मायने हैं? इस बात का बार-बार उल्लेख होता रहा है कि भूमि अधिग्रहण कानून, 1894 पुराना पड़ चुका है और इसमें संशोधन की जरूरत है। 1894...
More »लूट का अध्यादेश- के सी त्यागी
बाईस दिसंबर को संसद का सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद सरकार द्वारा जारी अध्यादेश से जहां बिल्डर समुदाय और कॉरपोरेट घराने गदगद हैं वहीं दूसरी ओर किसान फिर पुरानी शंकाओं से भयभीत हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली कुशल अधिवक्ता हैं, वे अपनी सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों को बड़ी चतुराई से शब्दों का ताना-बाना बुन कर किसानों के हित में बताने का विफल प्रयास कर रहे हैं। पर शायद...
More »ग्रामीणों ने किया ऐलान, नहीं देंगे जमीन, खुद निकालेंगे कोयला
रायगढ़ (निप्र)। तमनार ब्लॉक में इन दिनों कोल ब्लॉक आबंटन प्रक्रिया के साथ ही ग्रामीणों का आक्रोश तेजी से पनप रहा है। दरअसल दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है की तर्ज पर ग्रामीण अब किसी के झांसे में आने को कतई तैयार नहीं हैं। लगातार औद्योगिक घरानों व स्थानीय प्रशासन की अपेक्षा का शिकार होने के बाद अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। तमनार क्षेत्र...
More »