डाउन टू अर्थ, 06 नवम्बर हाल ही में जारी अनुमानों से पता चला है कि सदी के अंत तक भारत के वार्षिक औसत तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और जलवायु परिवर्तन की वास्तविक कीमत का आंकलन कर रहे शोध संस्थान क्लाइमेट इम्पैक्ट लैब द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है। इस बारे में जारी नए आंकड़ों से पता चला है...
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जलवायु परिवर्तन के चलते पहले से कहीं ज्यादा होंगें इंद्रधनुषों के दीदार
डाउन टू अर्थ,1 नवम्बर शायद ही कोई ऐसा प्रकृति प्रेमी होगा जिसे इंद्रधनुष की सतरंगी आभा अच्छी न लगती हो। आसमान में जब इंद्रधनुष नजर आता है तो सबकी नजरें उसी पर टिक जाती हैं। आपमें से बहुत से लोगों ने इसे देखा भी होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जलवायु में आते बदलावों के चलते धरती पर पहले से कहीं ज्यादा इंद्रधनुष नजर आएंगें। इस बारे में हवाई विश्वविद्यालय से...
More »वैश्विक ग्रीन हाउस उत्सर्जन 2025-2030 के बीच अपने चरम पर होगा
कार्बनकॉपी, 01 नवम्बर मिस्र के शर्म-अल-शेख में सोमवार से शुरू हो रहे जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में इस बात का आकलन भी होगा कि आखिर उन वादों से क्या हासिल हो रहा है जो दुनिया के तमाम देशों ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए किए हैं। इन राष्ट्रीय वादों या संकल्पों को तकनीकी भाषा में एनडीसी (नेशनली डिटर्माइंड कॉन्ट्रिब्यूशन) कहा जाता है। शर्म-अल-शेख सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन...
More »बीते तीन सालों में सरकार ने 50 प्रतिशत कल्याणकारी योजनाओं को किया खत्म
डाउन टू अर्थ, 31 अक्टूबर किसी भी देश की प्रगति उसके द्वारा समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़ी जनता के लिए चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की सफलता से आंका जाता है। लेकिन केंद्र सरकार इस मामले में बहुत पिछड़ गई है और इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले तीन वर्षों के अंदर मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने...
More »बढ़ते तापमान से भारत को जीडीपी में 5.4% का नुकसान
कार्बनकॉपी, 29 अक्टूबर बढ़ते तापमान के कारण भारत तथा अन्य G20 देशों को सभी क्षेत्रों में बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से उत्पन्न ऊर्जा संकट के पहले ही, G20 सरकारों ने 2021 में जीवाश्म ईंधन उत्पादन पर 64 बिलियन डॉलर खर्च किए थे। विभिन्न देशों के कई संगठनों की साझेदारी द्वारा तैयार की गई जलवायु पारदर्शिता रिपोर्ट (क्लाइमेट...
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