विधि मंत्रालय ने जजों की संख्या के जो आंकड़े जारी किए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। इसके अनुसार, देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर न्यायाधीशों की संख्या मात्र 18 है, जबकि यह 50 होनी चाहिए। जजों की आनुपातिक संख्या में कमी कोई अचानक उत्पन्न हुई समस्या नहीं है। समय-समय पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश द्वारा सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया जाता रहा है, परंतु ठोस...
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बिहार में बाढ़ का विकराल रूप
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी में जमी गाद (सिल्ट) के लिए फरक्का डैम को जिम्मेवार ठहराते हुए आज कहा कि इस डैम को हटाए बिना गंगा में गाद की समस्या समाप्त नहीं हो सकती. पटना स्थित मुख्य सचिवालय में गंगा सहित अन्य नदियों के जलस्तर बढने से उत्पन्न बाढ की स्थिति की आज समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा कि...
More »साक्षरता और समृद्धि से भी बढ़ी मुकदमों की संख्या
भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर ने कहा है कि देश के विभिन्न न्यायालयों में लम्बित पड़े मामलों का सम्बंध प्रत्यक्ष तौर पर साक्षरता व समृद्धि से भी है। ऐसा विभिन्न अध्ययनों में सामने आया है। उन्होंने कहा कि जहां लोग शिक्षित हैं, वहां वह अपने अधिकारों के प्रति ज्यादा जागरूक है और उच्च साक्षरता दर के कारण अपनी छोटी-छोटी शिकायतों के लिए भी अदालतों की शरण लेते...
More »सात दशक के बाद-- रघु ठाकुर
स्वतंत्रता और स्वाधीनता का क्या अर्थ है? स्वतंत्रता एक व्यवस्थागत आजादी का बोध कराती है। मसलन, स्वतंत्र यानी हमारे देश का अपना प्रशासन, अपनी शासन-प्रशासन प्रणाली। पर स्वाधीनता उससे कुछ ज्यादा व्यापक अर्थ देती है, जिसमें किसी भी प्रकार की अधीनता न हो। एक देश के रूप में हम अपने ही अधीन हों- एक नागरिक के रूप में, हम अपनी अंतरात्मा के अधीन हैं। अब प्रश्न यह है कि आज...
More »सुप्रीम कोर्ट ने नकारे सरकार के सुझाव -- आर. सेधुरमन
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव के लिए सरकार के सुझावों को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने एक बार फिर नकार दिया है। कोलेजियम ने कहा है कि जजों की नियुक्ति में निर्णायक अधिकार सरकार के पास होने से न्यायिक स्वतंत्रता कमजोर होगी और संविधान की मूल विशेषता प्रभावित होगी। इस मुद्दे पर सरकार और न्यायपालिका के बीच गतिरोध दूर करने के लिए हाल ही में विदेश...
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