आठ मार्च पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर मुझे महिलाओं के विषय में कुछ लिखना उपयुक्त लगा, जो हमारी आबादी में सर्वाधिक कमजोर तथा भेदभाव की शिकार रही हैं. अपने भाषण में जेएनयू का बचाव करते हुए उसके छात्र नेता कन्हैया कुमार ने दो ऐसी बातें कहीं, जो मुझे मालूम न थीं. पहली, यह एक ऐसा विश्वविद्यालय है, जिसके छात्र...
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मनरेगा के दस साल
दुनिया भर में रोजगार की सबसे बड़ी सरकारी योजना के रूप में प्रसिद्धि अर्जित कर चुके ‘मनरेगा' के दस साल पूरे होने पर नयी सरकार ने ठीक ही उसे राष्ट्रीय गौरव का विषय करार दिया है. व्यापक भ्रष्टाचार, पारदर्शिता के अभाव, निर्धारित दिनों से कम रोजगार देने और सरकारी धन को बगैर किसी पूंजीगत हासिल के बांटने के आरोपों के बावजूद, मनरेगा ने अपने दस साल के सफर में...
More »वकालत के अपराधीकरण पर लगाम-- विराग गुप्ता
न्यायिक व्यवस्था के पतन एवं सड़ांध पर कड़ी टिप्पणी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने माननीय न्यायाधीशों से बुर्का पहनकर बाहर घूमने का आग्रह किया, जिससे उन्हें बेंच (अदालतों) की नाकामी की हकीक़त पता चल सके, लेकिन इस सड़ांध की जिम्मेदारी सिर्फ जजों पर ही क्यों? कुछ दिन पूर्व दिल्ली के तत्कालीन कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को लॉ की फर्जी डिग्री के आरोप में...
More »हादसों की रफ्तार बनाम सुरक्षा की पटरी- प्रमोद भार्गव
भारतीय रेल परिवहन तंत्र विश्व का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, पर विडंबना है कि यह किसी भी स्तर पर विश्वस्तरीय मानकों को पूरा नहीं करता। हां, इसे विश्वस्तरीय बनाने का दम जरूर सरकारें लंबे समय से भरती रही हैं। हर बजट में रेल परिवहन को विश्व मानकों के अनुरूप बनाने की बढ़-चढ़ कर घोषणाएं होती हैं, लेकिन उन पर जमीनी अमल दिखाई नहीं देता। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी...
More »आठवीं के चार लाख बच्चे नहीं जानते जोड़ना-घटाना
रायपुर (निप्र)। छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की हालत बहुत खराब है। कक्षा आठवीं के करीब चार लाख बच्चों को जोड़-घटाना नहीं आता। यानी 75 फीसदी बच्चे दहाई अंकों को जोड़-घटा नहीं सकते। आठवीं के 1.5 फीसदी बच्चे 1 से 9 तक के अंकों को पहचान नहीं पाते। इसी तरह 68 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के सरल वाक्य भी नहीं पढ़ पाते। आठवीं के 4.8 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के कैपिटल लेटर को पहचान...
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