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गुजरात के मुख्यमंत्री को हटाने का संकेत देने वाले लेख के लिए अख़बार के संपादक और मालिक पर केस

द वायर, 28 अगस्त गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पद से संभवत: हटाए जाने का संकेत देने वाला एक रिपोर्ट प्रकाशित करने को लेकर राजकोट शहर के एक सांध्य दैनिक के संपादक और इसका स्वामित्व रखने वाली उनकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि एफआईआर दो दिन पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 505 (1बी)...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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साधारण खरपतवार नहीं है 'कुल्फा', सूखा और बदलते मौसम से लड़ सकता है यह सुपर प्लांट

डाउन टू अर्थ, 08 अगस्त वैज्ञानिकों की मानें तो यह खरपतवार एक सुपर प्लांट है जो न केवल गर्मी, सूखा बल्कि जलवायु में आते बदलावों का सामना कर सकता है कुल्फा या यह कहें कि एक खरपतवार, एक ऐसा पौधा जो आपको अक्सर कई जगहों पर दिख जाएगा। खेतों में, सड़क किनारे, नालियों के किनारे यह पौधे, खरपतवार के रूप में कहीं भी आसानी से उग जाते हैं। पर इन पौधों...

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पंजाब- आत्महत्या से मरने वाले पंजाब के 9,000 से अधिक किसानों में से 88% कर्ज में डूबे

गाँव सवेरा, 23 जून  इकनोमिक एंड पोलिटिकल वीकली (पत्रिका) के नए संस्करण में प्रकाशित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के एक अध्ययन से पता चला है कि पंजाब के छह जिलों में साल 2000 से 2018 के बीच आत्महत्या से 9,291 किसानों की मौत हुई है. सर्वेक्षण में शामिल  जिलों में संगरूर, बठिंडा, लुधियाना, मानसा, मोगा और बरनाला शामिल हैं. अध्ययन में यह पाया गया है कि इन सभी आत्महत्याओं में 88 फीसदी...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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