-न्यूजक्लिक, यह एक जारी श्रृंखला की 39वीं रिपोर्ट है जो ग्रामीण भारत के जीवन पर कोविड-19 से संबंधित नीतियों से पड़ने वाले प्रभावों की झलकियाँ प्रदान करती है। सोसाइटी फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक रिसर्च की ओर से जारी इस श्रृंखला में विभिन्न विद्वानों की रिपोर्टों को शामिल किया गया है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में गांवों के अध्ययन को संचालित कर रहे हैं। रिपोर्ट उनके अध्ययन में शामिल गांवों में...
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वापस लौटने लगे प्रवासी मजदूर, फिर जुड़ा पूरब का पंजाब से रिश्ता
-गांव कनेक्शन, कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से पूरब का पंजाब से रिश्ता एकबारगी टूट गया था। यहां रोजी-रोटी कमा रहे दस लाख से ज्यादा मजदूर वापस उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड लौट गए थे। इतने बड़े पैमाने पर हुए प्रवासी श्रमिक पलायन ने सूबे के किसानों और उद्योगपतियों को गहरी चिंता में डाल दिया था। मध्य जून को धान रोपाई शुरू होती है और धीरे-धीरे इंडस्ट्री भी शुरू हो...
More »उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद तय लक्ष्य के 50 फीसदी पर ही पहुंची, सरकार ने 30 जून तक बढ़ाई समय सीमा
-आउटलुक, देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चालू रबी सीजन में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 363 लाख टन होने का अनुमान है, लेकिन सरकारी खरीद तय लक्ष्य 55 लाख टन के 50 फीसदी तक ही पहुंच पाई है, जोकि पिछले साल हुई कुल खरीद से भी करीब 9.40 लाख टन कम है। राज्य सरकार ने खरीद की समय सीमा को बढ़ाकर 30 जून कर दिया है, लेकिन...
More »कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पीएम को लिखा खत, मनरेगा के तहत खेतों में काम करने की अनुमति देने की मांग
-आउटलुक, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को एक विशेष मामले के तौर पर प्रवासी कामगारों की कमी के मद्देनजर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अधीन काम करने वाले कार्ड धारकों को पंजाब में रबी/खरीफ सीजन 2020-21 के दौरान दोनों फसलों के लिए खेतों में काम करने की अनुमति देने के लिए मांग की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि...
More »सुधारों में किसान कहां
-आउटलुक, “लॉकडाउन में एपीएमसी सुधारों के जरिए कॉरपोरेट को लाभ दिलाने जैसे एकतरफा फैसले किसानों के हक में कितने” इस समय देश की इकोनॉमी संकट में फंसी है। लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद रहा तब भी किसान पूरे जोर-शोर से अपने खेतों में काम में लगा हुआ था। इस दौरान किसानों को बाजार में बंदी और फसलों की सही खरीद नहीं होने से हजारों करोड़ रुपये का घाटा हुआ। सरकार को...
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