आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...
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छोटे राज्यों के बड़े प्रश्न- रोहित जोशी
जनसत्ता 25 फरवरी, 2014 : भारत में राज्यों के पुनर्गठन का प्रश्न नया नहीं है। यह लगातार यक्ष प्रश्न बना रहा है कि आखिर इतने विविधतापूर्ण देश में राज्यों के पुनर्गठन का एक सर्व-स्वीकार्य और जायज तार्किक आधार क्या हो? साथ ही पृथक तेलंगाना का यह विवाद भी नया नहीं है और जितना हो-हल्ला इस मसले पर हमने पिछले दिनों में देखा उसकी एक लंबी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। 1956 में संसद...
More »किले में सोना और स्विस बैंक में काला धन!- विनीत नारायण
इन दिनों भूगर्भ विभाग और भारतीय पुरात्तव विभाग उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में खुदाई में जुटे हैं। इसमें कोई नई बात नहीं। नई बात यह है कि इस खुदाई को लेकर पूरी दुनिया के मीडिया की निगाह उन्नाव पर लगी है। पीएसी खुदाई स्थल को घेरे खड़ी है। जनता कौतुहल भरी निगाहों से वहां पहुंच रही है। पीपली लाइव की तरह वहां बाजार लग गया है। यह सारा तूफान सोने...
More »सिंचाई के बगैर लहलहाएंगी बंपर पैदावार वाली फसलें
सेंट लुईस, [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। आधुनिक तकनीकी के बल पर दुनिया के ज्यादातर देशों ने नई हरित क्रांति का बिगुल फूंक दिया है। कृषि वैज्ञानिकों की मौन लड़ाई खेती पर आने वाली आपदाओं को जीत रही है। नतीजतन, बिना सिंचाई के ही कीटमुक्त पौधों के जरिये फसलों की उत्पादकता को कई गुना तक बढ़ाना संभव हो गया है। भारत जैसे देश की खेती के लिए बायो टेक्नोलॉजी बेहद मुफीद...
More »गेहूं के बदले बच्चों को गिरवी रखने की खबर गलत
सागर (मप्र) : बुंदेलखंड में पन्ना जिले के राजापुर गांव के आदिवासी द्वारा गेहूं के बदले बच्चे को गिरवी रखे जाने संबंधी खबरों को प्रशासन ने गलत बताते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में सरकार की रोजगारमूलक योजनाएं और खाद्यान्न वितरण योजना अच्छी चल रही है, इसलिए ऐसी घटना संभव नहीं है. सागर के संभागायुक्त राजकुमार माथुर ने मीडिया को पन्ना जिले के प्रभारी कलेक्टर द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट...
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