भोपाल। मध्यप्रदेश में किसानों को फसल का उचित दाम दिलाने के लिए लागू मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना देशभर में लागू हो सकती है। इसके जरिए बाजार में उपज के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने पर अंतर की राशि किसान को अदा की जाएगी। कई राज्य इस योजना का मसौदा प्रदेश से ले चुके हैं। सोमवार को कृषि मंत्रालय में योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने को लेकर...
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पशुपालन से टूटता मोह--- रीता सिंह
यह चिंताजनक है कि कृषि प्रधान देश भारत में पशुपालन के प्रति लोगों की अरुचि बढ़ती जा रही है। मवेशियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। आजादी के बाद से 1992 तक देश में मवेशियों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। लेकिन उसके बाद इनकी संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। 2007 में पशुओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई थी लेकिन उसके बाद इनकी...
More »बंजर में तब्दील होती मिट्टी -- रमेश कुमार दूबे
जिस रफ्तार से मिट्टी की उर्वरता में ह्रास हो रहा है उसे देखते हुए आने वाले वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो पाएगा इसमें संदेह है। मांग के अनुरूप अन्न पैदावार में बढ़ोतरी की चुनौती तो भविष्य की बात है, कुपोषण की व्यापकता तो हमें कब का घेर चुकी है। यही कारण है कि भरपेट खाने के बावजूद कमजोरी महसूस होती है। परिवार के बुजुर्ग यह शिकायत करते...
More »अकथ कहानी खेत की-- राकेश दीवान
जून महीने के बीस दिनों में हुर्इं चालीस से अधिक किसानों की आत्महत्याओं का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। किसान आंदोलन से निपटने के लिए सरकार को ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य' पर केवल तुअर, मूंग और उड़द खरीदने और आठ रुपए किलो में प्याज खरीदने और फिर भंडारण की कमी के चलते सड़ाने की तजवीज भर नजर आई। आज भी किसानी ‘अन-स्किल्ड' यानी अकुशल श्रम भर मानी जाती है...
More »राशन से दो किलो गेहूं काटकर जबरन दे रहे 10 किलो प्याज
मुरैना। जिलेभर की उचित मूल्य की दुकानों से सरकार दो रुपए किलो प्याज बिकवा रही है। लोग भी अपनी जरूरत के हिसाब से इन दुकानों से प्याज खरीद रहे हैं। किसी भी तरह के राशन कार्डधारक के अलावा कोई भी प्याज खरीद सकता है, लेकिन अब पीडीएस दुकान संचालकों द्वारा गेहूं के बदले जबरन प्याज थमाने के मामले भी सामने आ रहे हैं। संचालक खासतौर से उन लोगों के साथ ऐसा...
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