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आज़ादी@75: आंदोलन के 74 बरस और नई उम्मीद और नया रास्ता दिखाता किसान आंदोलन

-न्यूजक्लिक,  आज जब हम अपनी आजादी की 74वीं वर्षगांठ और 75वां दिवस मना रहे हैं, संविधान सभा के अंतिम भाषण में डॉ. आंबेडकर द्वारा दी गयी चेतावनी बेहद प्रासंगिक है जिसमें उन्होंने  कहा था कि देश एक अन्तरविरोधों भरे दौर में प्रवेश कर रहा है, हम एक राजनीतिक लोकतंत्र तो बन गए लेकिन सामाजिक लोकतंत्र कायम न हुआ तो यह राजनीतिक लोकतंत्र भी खतरे में पड़ जायेगा। इन 74 वर्षों में देश...

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मोदी सरकार के अधीन कोयले की नीलामियां: छत्तीसगढ़ को सालाना 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा

-न्यूजलॉन्ड्री, केंद्र सरकार ने छत्तीसगड़ में 2015 में दो कोयला ब्लॉकों की नीलामी की. इनमें एक ब्लॉक गारे पाल्मा IV/1 की 1,585 रुपये प्रति टन की बोली लगी जबकि दूसरे गारे पाल्मा IV/7 को 2,619 रुपये में नीलाम किया गया. हालांकि यह कीमतें कम थीं. इस नीलामी पर आरोप लगने के बाद सरकार ने इस अनुबंध को रद्द कर दिया. यह आरोप कार्टेलाइजेशन द्वारा लगाए गए. इसके बाद सरकार ने फिर से...

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6 साल में 15 करोड़ विमुक्त घुमंतू आबादी को मिला पीएम मोदी की एक विदेश यात्रा के खर्च से भी कम बजट!

-गांव सवेरा, 2019-20 में सामाजिक न्याय मंत्रालय के 8 हजार 885 करोड़ के बजट में से विमुक्त घुमंतू जनजातियों के हिस्से केवल 10 करोड़ तो वहीं 2020-21 में मंत्रालय के 10 हजार 103 करोड़ के बजट में से डीएनटी को केवल 11.24 करोड़ का बजट दिया गया. देश में विमुक्त घुमंतू एवम अर्धघुमंतू जनजातियों की आबादी 15 करोड़ के आस-पास है. विकास के दृष्टिकोण से विमुक्त घुमंतू और अर्धघुमंतू जनजातियां देश का...

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कोरोना के लड़ के जनता की इम्यूनिटी बढ़ चुकी है, PM लाल किले से क्या बात करेंगे?

-जनपथ, देश की एक सौ पैंतीस करोड़ जनता को पचहत्तरवें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा लाल क़िले की प्राचीर से दिये जाने वाले भाषण को सुनने की तैयारी प्रारम्भ कर देना चाहिए। प्रधानमंत्री का पिछला सम्बोधन कोरोना की दूसरी लहर के बीच हुआ था। हमें ख़ासा अनुभव है कि उस वक्त हमारे हालात क्या थे और हम सब कितने बदहवास थे! मोदी जी का यह भाषण तीसरी लहर की...

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अर्थव्यवस्था के लिए इसके चारों इंजन का पूरे वेग से काम करना जरूरी है लेकिन मोदी सरकार केवल दो पर ज़ोर दे रही है

-द प्रिंट, भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि को लेकर भविष्यवाणियां आशावादी स्तरों पर आकर केन्द्रित हो गई हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि 8.3 प्रतिशत (विश्व बैंक) से लेकर 10.5 प्रतिशत (सरकार) तक की आर्थिक रिकवरी हो सकती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश 9.5 प्रतिशत का अनुमान लगा रहा है. निवेश बैंकों के कुछ अर्थशास्त्रियों के अनुमान इसी बीच के हैं. महामारी के कारण पिछले साल जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट...

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