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अंगरेजों के जमाने के पुलिस बल से कैसे होगी लोगों की सुरक्षा

रांची : सरकार से लेकर डीजीपी तक राजधानी को अपराध मुक्त बनाने की कवायद में लगे हुए हैं. रांची में अपराध पर नियंत्रण हो, इसके लिए कई उपाय किये गये. लेकिन, जब थानों में पुलिसकर्मियों की ही कमी हो, तो अपराध मुक्त रांची की कल्पना नहीं की जा सकती है. अंगरेजों के जमाने (1914) में स्थापित राजधानी के सबसे महत्वपूर्ण कोतवाली थाने में दारोगा के 15 स्वीकृत पद हैं, लेकिन...

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जनसंख्या विस्फोट के दौर में घट रही आदिवासी आबादी !

संदीप तिवारी, रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों की जनसंख्या वृद्धि दर घट रही है। जबकि इस दशक में सबसे ज्यादा जनसंख्या राज्य की बढ़ी है। नक्सल इलाकों में संरक्षित जनजातियां रहती हैं जिनमें बैगा, अबुझमाड़िया, बिरहोर, पहाड़ी कोरवा और कमार प्रमुख हैं। केंद्र सरकार ने इन संरक्षित जनजातियों के परिवार नियोजन पर प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन यह प्रतिबंध बेअसर साबित हो रहा है। प्रसव के...

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गर्म हवाओं के खतरे से अब तो चेत जाएं - मिहिर आर. भट्ट

दुनिया के इतिहास में यह पांचवीं सबसे जानलेवा लू है, जिसका सामना हम इन दिनों कर रहे हैं। 2200 से ज्यादा लोगों की अब तक यह जान ले चुकी है। क्या हमें और मौतों का इंतजार है, जिसके बाद ही हम लू के खतरे का सामना करने के लिए कोई राष्ट्रीय नीति बनाएंगे? ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों में गर्म हवा के थपेड़ों से जितने लोगों की मौतें हुई...

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नेपाल सरकार ने जताई 10000 से ज्यादा मौतों की आशंका

नई दिल्ली। नेपाल में भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव के लिए चलाए जा रहे हवाई अभियान को खराब मौसम के कारण रोकना पड़ा है। भारी बारिश और तूफान के कारण काठमांडू एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। भारत से राहत सामग्री लेकर जा रहे विमानों को वापस लौटना पड़ा है। इन विमानों को दिल्ली और इलाहाबाद एयरबेस पर लैंड कराया गया है। इसी बीच नेपाल में भूकंप...

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आदिवासियों, किसानों की जमीन बचाने से हो शुरुआत- सच्चिदानंद सिन्हा

बुजुर्ग समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा के लेख व भाषण हम समय-समय पर छापते रहते हैं, जिनमें वह बार-बार चिह्न्ति करते हैं कि पर्यावरण और प्रकृति के विनाश के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो है औद्योगीकरण और उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था. और अगर इनसान नहीं चेता, तो इसी की वजह एक दिन वह खुद भी नष्ट हो जायेगा. एक और क्षेत्र उनकी चिंता में स्थायी रूप से रहता है कि अब...

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