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‘उन सबको मार दिया गया है’– कोविड के बाद पोल्ट्री किसानों के लिए एक और विपदा लाया बर्ड फ्लू

-द प्रिंट, सुधीर कुमार को पोल्ट्री फार्म व्यवसाय में सिर्फ ढाई साल हुए हैं, लेकिन उन्हें ऐसा लगता है, जैसे सारी ज़िंदगी इसी में गुज़र गई है. बीते साल में, महामारी और उसके बाद लॉकडाउन्स ने, उनके कारोबार को अकल्पनीय नुक़सान पहुंचाया है. फार्म की कुल 50,000 मुर्ग़ियों में से आधी को, उन्हें खुद से मार देना पड़ा. कुमार ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने ज़मीन खोदी और उन्हें ज़बर्दस्ती दफ्न कर दिया....

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मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी

-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...

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कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने के लिए बुलाया जाएगा बंगाल विधानसभा का सत्र: ममता बनर्जी

-द प्रिंट, नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि इन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के वास्ते विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएंगे. विधानसभा चुनाव के करीब आने के बीच बनर्जी ने संकेत दिया कि वह प्रधानमंत्री किसान योजना को पश्चिम बंगाल में लागू करने को लेकर तैयार हैं. उन्होंने कहा...

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किसान आंदोलन का एक महीना: ‘हम अपने बच्चों को कॉरपोरेट का लेबर नहीं बनने देंगे’

-द वायर, बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के किसान धरने पर बैठे हुए हैं. ये किसान केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने वाला एक केंद्रीकृत कानून लाया जाए. हालांकि, एक महीने के बाद भी केंद्र सरकार और किसान संगठनों के...

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“कलाकारों को तय करना होगा कि वे किसान के साथ हैं या सत्ता के”, किसान आंदोलन में शामिल पंजाबी फिल्म निर्देशक जतिंदर मोहर

-कारवां, जारी किसान आंदोलन में पंजाब के कलाकार भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. यह अभूतपूर्व है क्योंकि आमतौर पर भारत में फिल्मी कलाकार, कुछेक अपवाद को छोड़ कर, अमूमन राजनीतिक स्टैंड लेने से बचते है, तब भी जब देश की राजनीति उन्हें सीधे प्रभावित करती है. हाल में हिंदी फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद कुछ विशेष कलाकारों पर दक्षिणपंथियों के हमले के समय भी देखा...

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