रायपुर। लक्ष्य के अनुरूप कितना पौधरोपण हुआ, इसकी गिनती वन विभाग कराएगा। अगर लक्ष्य के अनुरूप रोपण कार्य नहीं पाया गया तो उनका वेतन वृद्धि और प्रमोशन रोक दिया जाएगा। वैसे इस साल सभी वनवृत्त में 7 करोड़ से अधिक रोपण का लक्ष्य दिया गया था। वन विभाग के मुताबिक मार्च से पूर्व इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक विशेष ऑडिट टीम का गठन किया जाएगा, जो अपने-अपने क्षेत्र...
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चकाचौंध से उमजी समस्याएं -- अभिनीत मोहन
पिछले दिनों ‘जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियासाइंसेज' के शोधकर्ताओं ने चेताया कि दुनिया में प्रकाश प्रदूषण (लाइट पॉल्यूशन) तेजी से बढ़ रहा है और अगर इस पर नियंत्रण नहीं लगा तो आने वाले वर्षों में इंसानों, जानवरों और पेड़-पौधों का जीवन चक्र बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। शोधकर्ताओं ने ‘साइंड एडवांसेज जर्नल' में प्रकाशित अपने शोध में बताया है कि अगर रातों को रोशन करने वाली स्ट्रीट लाइट और...
More »फिर सूखे की ओर बुंदेलखंड-- पंकज चतुर्वेदी
बुंदेलखंड के गांवों के लोग पलायन कर रहे हैं- पानी की कमी के चलते। अगली बरसात दस महीने दूर है और बुंदेलखंड से जल संकट, पलायन और बेबसी की खबरें आने लगी हैं। वैसे मध्यप्रदेश के तेईस जिलों की एक सौ दस तहसीलों को राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है, जिनमें बुंदेलखंड में आने वाले सभी जिले शामिल हैं। हालांकि इस घोषणा से सूखा प्रभावितों की दिक्कतों...
More »वनांचल के कई स्कूलों में ताला तो कहीं मध्याह्न भोजन के बाद छुट्टी
चिल्फीघाटी। प्रदेश भर में शिक्षाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से पिछले 3 दिनों से वनांचल की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। कहीं स्कूल बंद है तो कहीं समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन कराकर छुट्टी कर दी जा रही है। लेकिन शिक्षाकर्मियों की हड़ताल से प्राथमिक स्कूल चिल्फी में अनोखा नजारा देखने को मिला। जहां पर प्राइवेट स्कूल के शिक्षक बच्चों को पढ़ाते नजर आए। ये शिक्षक सरस्वती शिशु मंदिर...
More »पर्यावरण संरक्षण की मुश्किलें-- पंकज चतुर्वेदी
जिस तरह देश की आबादी बढ़ रही है, हरियाली और खेत कम हो रहे हैं, जल-स्रोतों का रीतापन बढ़ रहा है, हम हर दिन वनस्पति और जंतुओं की किसी न किसी प्रजाति को सदा के लिए खो रहे हैं, खेत और घर में जहरीले रसायनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, भीषण गरमी से जूझने में वातानुकूलित यंत्र और अन्य भौतिक सुखों की पूर्ति के लिए बिजली का इस्तेमाल बढ़ रहा...
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