SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1239

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: क़ाफ़िला ये चल पड़ा है, अब न रुकने पाएगा...

-न्यूजक्लिक, तू बोलेगी, मुंह खोलेगी तब ही ये ज़माना बदलेगा... ये सच है कि महिलाओं ने बोलना शुरू किया तो ज़माना बदलने लगा। पितृसत्ता की ज़ंग खाई बीमार सोच की तबीयत में रवानी आने लगी। जिसे एक पीढ़ी नामुमकिन मानती रही उसे दूसरी पीढ़ी ने सिरे से खारिज कर दिया। ये सदी औरत की सदी है। जो देश में नई इबारत गढ़ रही है। औरतों के संघर्ष का इतिहास बहुत लम्बा...

More »

कोरोना संकट के दौरान बच्चों के पोषण को आश्वस्त करने में मिड-डे मील स्कीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

स्कूल में दिया जाने वाला भोजन दुनिया भर में लाखों कमजोर बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करता है. दुनिया भर में लगभग 37 करोड़ बच्चे स्कूल फीडिंग प्रोग्रामों का हिस्सा हैं. जबकि COVID-19 महामारी से पहले भारत में दोपहर में मिलने वाले मिड डे मील से 10 करोड़ स्कूली बच्चे लाभान्वित हुए थे, ब्राज़ील (4.8 करोड़), चीन (4.4 करोड़), दक्षिण अफ्रीका (90 लाख) और नाइजीरिया (90 लाख) जैसे देशों में...

More »

सौ दिन छूते किसान आंदोलन के बीच तीन कृषि कानूनों को फिर से समझने की एक कोशिश

-जनपथ, OPEN SPACE सौ दिन छूते किसान आंदोलन के बीच तीन कृषि कानूनों को फिर से समझने की एक कोशिश March 3, 2021 - by चौधरी सवित मलिक - Leave a Comment             तीन महीने हो चुके हैं दिल्ली के चारों तरफ किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता के चलते किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। 250 से अधिक किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। आखिर सरकार...

More »

भारतीय आर्किटेक्चर के लिए अलग-अलग विषयों के समायोजन का वक़्त?

-न्यूजक्लिक,  सभी तरह के मानवीय ज्ञान की तरह, स्थापत्य कला भी मानवीय सीखों को एक करने की कोशिश करता है। एडवर्ड ओ विल्सन की शब्दावलियों का इस्तेमाल करें, तो नई संसद और सेंट्रल विस्टा, राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या मस्जिद और नव भारत उद्यान व प्रतिष्ठित संरचना, यह चार परियोजनाएं अलग-अलग विषयों की समग्रता का एक अहम मौका हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो इन इमारतों में भारतीय स्थापत्य को दोबारा परिभाषित...

More »

राष्ट्र एक व्यक्ति में बदल जाए, उससे पहले एक आंदोलन क्या राजनीतिक विपक्ष बन पाएगा?

-जनपथ, सरकार अगर अचानक से घोषणा कर दे कि परिस्थितियां अनुकूल होने तक अथवा किन्हीं अन्य कारणों से विवादास्पद कृषि क़ानूनों को वापस लिया जा रहा है और कृषि क्षेत्र के सम्बन्ध में सारी व्यवस्थाएं पहले की तरह ही जारी रहेंगी, तो आंदोलनकारी किसान और उनके संगठन आगे क्या करेंगे? महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर जमे हज़ारों किसान और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाक़ों में महापंचायतें आयोजित कर रहे आंदोलनकारी जाट...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close